Uttar Pradesh

योगी सरकार के प्रयासों से लगातार बढ़ रहा दूध का उत्पादन

योगी आदित्यनाथ फाइल फोटो

मिशन सेक्सड शॉर्टेड सीमेन से श्वेत क्रांति का अगुआ बना रहेगा यूपी

लखनऊ,08 मई (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश दुग्ध उत्पादन के मामले में देश में नंबर वन है। इसमें हर साल वृद्धि हो रही है। वर्ष 2024-2025 में यूपी का दुग्ध उत्पादन 3.97 एलएलपीडी (लाख लीटर प्रतिदिन) रहा। यह पिछले साल की तुलना में करीब 10 फीसद अधिक है। सरकार दुग्ध समितियों की संख्या बढ़ा रही है। साथ ही उनकी बुनियादी सुविधाओं को भी बेहतर बना रही है। समिति के लोगों को पशुओं के बेहतर देखरेख के बाबत लगातार प्रशिक्षण भी दिया जा रहा।

यकीनन योगी सरकार की योजनाओं से दूध का उत्पादन और बढ़ेगा, पर कालान्तर में इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका सेक्सड शॉर्टेड सीमेन योजना की होगी। इस योजना से न केवल दूध का उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि निराश्रित गोवंश की समस्या से भी काफी हद तक किसानों को निजात मिलेगी। यही नहीं खेती के यंत्रीकरण के कारण गोवंश के जो नर संतति (बछड़े) अनुपयोगी होकर निराश्रित होने को मजबूर हैं उनका भी मुंहमांगा दाम मिलेगा। सेक्सड शॉर्टेड सीमेन तकनीक से उत्पन्न बछिया चूंकि उन्नत प्रजाति की होगी, लिहाजा पशुपालक इनको छुट्टा छोड़ने की जगह सहेजकर रखेंगे। योगी सरकार इसके लिए मिशन मिलियन सेक्सड आर्टिफिशियल इंसिमिनेशन (एआई/कृत्रिम गर्भाधान) कार्यक्रम चला रही है। इस मिशन के तहत मार्च 2025 तक 10 लाख स्वस्थ्य गोवंश के एआई का लक्ष्य रखा गया था।

क्या है सेक्सड सॉर्टेड सीमेन तकनीक

सेक्सड सॉर्टेड सीमेन आर्टिफिशियल इंसिमिनेशन (एआई) एक अत्याधुनिक तकनीक है। इस तकनीक के जरिये जिस गोवंश का कृत्रिम गर्भाधान किया जाता है वह गोवंश बछिया ही जनेगी, इसकी संभावना 90 फीसद या इससे अधिक होती है।

कैसे काम करती है यह तकनीक

सेंट्रल एनीमल ब्रीडिंग इंस्टीट्यूट के पशु चिकित्सक डा. संजीव श्रीवास्तव के अनुसार नर पशु के शुक्राणुओं का वजन उनकी सक्रियता के आधार पर अलग-अलग होता है। इस तकनीक के जरिये ही कृत्रिम गर्भाधान से बछिया ही पैदा होगी, इसकी संभावना 90 फीसद से अधिक होती है। इसके प्रयोग से कुछ वर्षो में ही मादाओं की संख्या बढ़ाकर दूध का उत्पादन दोगुना करना संभव है।

उप्र वेटरनरी सर्विस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार शुक्ला के अनुसार स्थानीय स्तर पर रोजगार एवं देश के विकास के लिहाज से डेयरी सेक्टर बेहद संभावनाओं का क्षेत्र है। भारत में करीब 8 करोड़ परिवार इस सेक्टर से जुड़े हुए हैं। यह सेक्टर सालाना करीब 8.9 फीसद की दर से बढ़ रहा है। इस सेक्टर की मौजूदा वैल्यू करीब 124.93 बिलियन डॉलर की है। अनुमान है कि 2030 तक यह बढ़कर 227.53 बिलियन डॉलर की हो जाएगी। इस तरह डेयरी सेक्टर रोजगार एवं अर्थव्यवस्था के लिहाज से व्यापक संभावनाओं का क्षेत्र है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्देश है कि दुग्ध उत्पादन बढ़ाते हुए प्राथमिक सहकारी समितियों की संख्या बढ़ाएं। इनके सदस्यों का प्रशिक्षण कराएं। मुख्यमंत्री ने वर्ष 2025-26 में 4922 नई सहकारी दुग्ध समितियों के गठन तथा 21922 समितियों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य भी विभाग को दिया। इस क्रम में विभाग ने नंद बाबा मिशन के तहत अगले छह महीने में 2500 दुग्ध समितियों के गठन के साथ नई प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना एवं इनकी बुनियादी सुविधाओं को और बेहतर करेगा। विभागीय मंत्री, समितियों से जुड़े किसानों एवं पशुपालकों के भुगतान की व्यवस्था समय से करने का निर्देश दे चुके हैं।

उपलब्धियां

वर्ष 2024-25 में दुग्ध उत्पादन 3.97 एलएलपीडी दर्ज किया गया जो पिछले वर्ष की तुलना में 10 फीसद अधिक है। दुग्ध समितियों की सदस्यता में 8 फीसद वृद्धि हुई है और 24031 दुग्ध उत्पादकों को प्रशिक्षण मिला है। वित्तीय दृष्टि से टर्नओवर 1120.44 करोड़ तक पहुंचा गया। यह पिछले साल से 16 फीसद अधिक है। वाराणसी, अयोध्या, बरेली, मिर्जापुर, मथुरा व बस्ती में प्रमुख दुग्ध संघों को कुल 818.22 लाख रुपये का लाभ हुआ।

—————

(Udaipur Kiran) / बृजनंदन

Most Popular

To Top