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जोधपुर रेल मंडल : संपूर्ण विद्युतीकरण का लक्ष्य हासिल करने में कामयाब

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जोधपुर, 08 मई (Udaipur Kiran) । उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल ने संपूर्ण रेल विद्युतीकरण का लक्ष्य हासिल कर लिया है। इसके साथ ही मंडल के लगभग सभी रेल मार्गों पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों का संचालन भी प्रारंभ हो चुका है।

जोधपुर मंडल रेल प्रबंधक अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि जोधपुर मंडल के जैसलमेर के पास थैयात हमीरा से सानू रेलवे स्टेशनों के मध्य 58 किलोमीटर लंबे रेलमार्ग के विद्युतीकरण और उस पर सफल ट्रायल रन के साथ ही समूचे जोधपुर मंडल के कुल 1626 किलोमीटर रेलमार्ग का विद्युतीकरण कार्य पूरा करवा लिया गया है। उन्होंने बताया कि विद्युतीकरण के पश्चात मंडल के मेड़ता रोड-मेड़ता सिटी,पीपाड़ रोड-बिलाड़ा,मकराना -परबतसर, बाड़मेर-मुनाबाव और थैयात हमीरा-सानू रेल खंडों को छोड़ सभी मार्गों पर इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव से गुड्स व पैसेंजर ट्रेनों का संचालन चरणबद्ध तरीके से प्रारंभ किया जा चुका है और 50 से भी अधिक ट्रेनें इलेक्ट्रिक इंजन से संचालित की जा रही हैं तथा शेष मार्गों पर भी शीघ्र ही इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें चलने लगेंगी।

उन्होंने बताया कि रेलमार्गों के विद्युतीकरण के तहत मुख्य रेलखंडों के साथ-साथ स्टेशनों के यार्ड,एआरटी साइडिंग,बाईपास लाइन,कॉनकोर साइडिंग,डीजल शेड लाइन,वाशिंग लाइन,स्टेबलिंग लाइन व शंटिंग नेक,फलोदी बाईपास,बाड़मेर स्टेबलिंग लाइन,भगत की कोठी डीजल शेड में पुरानी वाशिंग लाइन इत्यादि का भी विद्युतीकरण कार्य पूरा कराया गया है जिससे सुविधाओं में विस्तार होगा।

गौरतलब है कि जोधपुर मंडल के समूचे 1626 रुट किलोमीटर मार्ग के विद्युतीकरण का महत्वाकांक्षी कार्य 28 मार्च 2022 को प्रारंभ किया गया था तथा इस पर रेलवे ने लगभग 1653 करोड़ रुपए व्यय किए हैं जिसके आने वाले समय में दूरगामी और सकारात्मक नतीजे मिलने लगेंगे।

विद्युतीकृत हुए प्रमुख रेल मार्ग:

जोधपुर-लूनी-मारवाड़ जंक्शन,लूनी-समदड़ी-भीलड़ी,समदड़ी-बाड़मेर-मुनाबाव,राइकाबाग-जैसलमेर,थैयात हमीरा-सानू साइडिंग,पीओएल साइडिंग केरला,जोधपुर-फुलेरा,उदरामसर-मेड़ता रोड-डेगाना-मकराना-परबतसर,जोधपुर-फुलेरा,डेगाना-रतनगढ़, पीपाड़ रोड-बिलाड़ा,मेड़ता रोड-मेड़ता सिटी सहित सभी रेलमार्गों का संपूर्ण विद्युतीकरण कार्य पूरा हुआ।

संपूर्ण विद्युतीकरण से रेलवे को होंगे फायदे:

-विद्युतीकरण को रेलवे में पर्यावरण के अधिक अनुकूल विकल्प माना जा सकता है।

-विद्युतीकरण से ऊर्जा का अधिक कुशल उपयोग होता है और इससे ईंधन की खपत कम होती है।

-इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव की उच्च गति और अधिक वहन क्षमता के कारण यातायात सुगम होगा।

-रेल विद्युतीकरण यात्री परिवहन और माल ढुलाई को अधिक किफायती बनाकर विकास को बढ़ावा देता है।

-इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आती है,जो जलवायु परिवर्तन को कम करने में मदद करता है।

-विद्युतीकरण से न केवल ट्रेनों की गति बढ़ती है बल्कि इनका संचालन,रखरखाव और लागत डीजल ट्रैक्शन की तुलना में अधिक किफायती है।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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