जम्मू, 7 मई (Udaipur Kiran) । गुरु रविदास विश्व महापीठ (भारतीय शाखा) के राष्ट्रीय महासचिव, ब्रिटिश रविदासिया हेरिटेज फाउंडेशन के भारतीय महासचिव एवं बेगमपुरा विश्व महासभा के सदस्य बलबीर राम रत्तन ने लोगों से अपील की है कि वे संत शिरोमणि गुरु रविदास जी की शिक्षाओं के प्रसार में सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि गुरु रविदास जी का संदेश आज भी भाईचारा, समानता और सामाजिक समरसता का प्रकाशपुंज है। एक विचार गोष्ठी में बोलते हुए बलबीर राम रत्तन ने कहा कि गुरु रविदास न केवल महान संत और कवि थे, बल्कि एक दूरदर्शी सामाजिक सुधारक भी थे, जिन्होंने जातिविहीन और समतामूलक समाज की परिकल्पना की।
उन्होंने यह भी कहा कि केवल विशेष अवसरों पर गुरु रविदास जी को याद करना पर्याप्त नहीं है बल्कि हमें उनकी शिक्षाओं को अपने दैनिक जीवन में आत्मसात करना चाहिए। हमें इस बात पर गर्व होना चाहिए कि हम ऐसे महान संत के अनुयायी हैं और हमें उनके संदेश के प्रचार में सहभागी बनना चाहिए। बलबीर राम रत्तन ने सुझाव दिया कि लोग गुरु रविदास जी के पदों और भजनों, जो गुरु ग्रंथ साहिब में भी सम्मिलित हैं, का अध्ययन करें, उन्हें समझें और समाज में साझा करें, जिससे आपसी सम्मान और एकता को बढ़ावा मिल सके।
उन्होंने कहा कि युवाओं को गुरु रविदास जी की विरासत से परिचित कराना आज के समय की आवश्यकता है। इसके लिए सेमिनार, सामाजिक मीडिया अभियानों और सामुदायिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए ताकि यह संदेश व्यापक स्तर तक पहुंचे। बलबीर राम रत्तन ने शैक्षणिक संस्थानों से आग्रह किया कि वे स्कूलों के पाठ्यक्रम में ऐसे संतों की शिक्षाओं को शामिल करें। इससे आने वाली पीढ़ियाँ अधिक समावेशी और न्यायपूर्ण समाज का निर्माण कर सकेंगी। उन्होंने अंत में यह कहा कि गुरु रविदास जी का संदेश—परिश्रम की प्रतिष्ठा, समानता और ईश्वर भक्ति—आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना कि सैकड़ों वर्ष पहले था। इन मूल्यों को समाज में फैलाना हम सभी का कर्तव्य है।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
