
बलरामपुर, 6 मई (Udaipur Kiran) । बलरामपुर जिले में बाल विवाह के रोकथाम के लिए कार्रवाई जारी है। इसी कड़ी में विगत तीन दिवसों में दो बाल विवाह रोके गए। इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी ने आज मंगलवार को बताया कि 26 अप्रैल को विकासखण्ड बलरामपुर के ग्राम खजुरीपारा, पुलिस चौकी गणेश मोड़ क्षेत्र में बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने पर महिला एवं बाल विकास विभाग एवं पुलिस विभाग की टीम द्वारा मौके पर पहुंचकर परिजनों को बाल विवाह न करने के लिए समझाया गया था। परंतु इसके बावजूद 03 मई को पुनः बाल विवाह की सूचना प्राप्त हुई। इस पर त्वरित संज्ञान लेते हुए संयुक्त टीम द्वारा जांच की गई। जांच में पाया गया कि, बालक के पिता प्रदीप रवि द्वारा ग्राम सिधमा, पुलिस चौकी बरियों में बाल विवाह के लिए बारात रवाना की जा चुकी थी।
यह कृत्य न केवल बाल विवाह को प्रोत्साहित करना है, बल्कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की धारा 11 का स्पष्ट उल्लंघन भी है। चूंकि परिवार को पहले ही समझाया गया था, इसके बावजूद कानून का उल्लंघन किया गया। इस आधार पर बाल विवाह में शामिल व्यक्तियों के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई प्रारंभ की गई है।
इसी प्रकार विकासखण्ड बलरामपुर के ही ग्राम पिपरौल में भी बाल विवाह की सूचना मिलने पर महिला बाल विकास विभाग एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ग्राम पिपरौल में पहुंचकर बालिका के माता-पिता को बाल विवाह नहीं करने के लिए समझाया गया था तथा उपस्थित लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणाम की जानकारी भी दी गई। जिस पर बालिका के माता-पिता बालिका के बालिक होने के पश्चात विवाह करने के लिए राजी हुए। महिला बाल विकास विभाग अधिकारी ने बताया है कि, इस बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत कोई व्यक्ति बाल-विवाह करवाता है या इसको बढ़ावा देता है और या फिर बाल विवाह करवाने में सहायता करता है, तो उसे दो साल तक की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। उन्होंने जिले वासियों से अपील की है कि उनके आस-पास किसी नाबालिग का विवाह करवाया जा रहा है तो इसकी सूचना हेल्पलाइन नंबर 1098 पर तुरंत सूचना दें। ताकि दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
(Udaipur Kiran) / विष्णु पाण्डेय
