
जयपुर, 5 मई (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने लोक सेवक पर हमला करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से जुडे मामले में अंता विधायक कंवरलाल मीणा को अंतरिम राहत दी है। अदालत ने मीणा को हाईकोर्ट के निर्देश पर ट्रायल कोर्ट में सरेंडर करने के संबंध में छूट दी है। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश कंवरलाल मीणा की एसएलपी पर सुनवाई करते हुए दिए।
मीणा की ओर से अधिवक्ता नमित सक्सेना ने बताया कि एसएलपी में राजस्थान हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें मीणा को ट्रायल कोर्ट से मिली तीन साल की सजा को रद्द करने से मना कर दिया था। वहीं उन्हें ट्रायल कोर्ट के समक्ष तत्काल सरेंडर करने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि यदि अभियुक्त सरेंडर नहीं करे तो ट्रायल कोर्ट उसके गिरफ्तारी वारंट जारी करे। एसएलपी में कहा गया कि अभियोजन पक्ष के पास ठोस सबूत ही नहीं थे। कथित घटना में 300 से 400 लोग मौजूद थे, लेकिन इनमें से एक भी व्यक्ति से अभियोजन पक्ष के गवाह के तौर पर पूछताछ नहीं हुई। ट्रायल कोर्ट में भी किसी स्वतंत्र गवाह के बयान दर्ज नहीं कराए गए। इसके अलावा कथित रिवॉल्वर की कोई बरामदगी नहीं हुई है। ऐसा कोई रिवॉल्वर कभी था ही नहीं और इस तथ्य को भी किसी ठोस सबूत से साबित नहीं किया गया है। इसे हाईकोर्ट ने भी गलत तरीके से माना है। इसलिए हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जाए। दरअसल हाईकोर्ट ने बारां जिले के अंता विधानसभा क्षेत्र के विधायक कंवरलाल मीना को 2005 में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी को धमकाने और रिवाल्वर तानने के आपराधिक मामले में निचली अदालत की ओर से दी सजा को बरकरार रखा था।
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(Udaipur Kiran)
