श्रीनगर 05 मई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज कहा कि सरकार के प्रयास आने वाले छह महीनों में शासन, सार्वजनिक सेवाओं की आपूर्ति और जम्मू-कश्मीर में सरकार के कामकाज में समग्र सुधार के संदर्भ में दिखाई देने चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि शासन केवल नागरिक सचिवालय या सरकारी कार्यालयों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने ये बात श्रीनगर में नागरिक सचिवालय में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए की जो ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में मंत्रियों और प्रशासनिक सचिवों द्वारा आधिकारिक कामकाज की औपचारिक बहाली को चिह्नित करती है।
मुख्यमंत्री ने मौजूदा चुनौतियों के बीच विकास गतिविधियों को शुरू करने, बजट घोषणाओं के कार्यान्वयन और कुशल शासन की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि छह महीने बाद हम श्रीनगर नागरिक सचिवालय कार्यालय में वापस आ गए हैं। जिस माहौल में हम उम्मीद कर रहे थे कि कार्यालय खुलेंगे, सामान्य कामकाज की उम्मीद थी, वैसा नहीं हुआ। यह देखा गया है कि अगर स्थिति अनुकूल और शांतिपूर्ण बनी रहती है तो इससे सरकार के कामकाज में सुधार होता है।
उन्होंने कहा कि हमें अब उन चीजों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है जो हमारे नियंत्रण में हैं और आम लोगों की कठिनाइयों को कम करने के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि इस कार्य सत्र के दौरान उनके प्रयास प्रशासनिक कार्यालयों से आगे भी जाएं। उन्होंने कहा कि हमें अपने काम को नागरिक सचिवालय तक सीमित नहीं रखना है जैसा कि बजट सत्र के दौरान था। उन्होंने कहा कि अब परियोजनाओं के क्रियान्वयन को जमीन पर देखने का अच्छा अवसर है। उन्होंने सभी विभागों से डिलीवरी और जवाबदेही पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आइए डिलीवरेबल्स पर ध्यान केंद्रित करें ताकि अब से छह महीने बाद जब हमें जम्मू जाना हो तो हम वास्तव में उन सभी सकारात्मक विकास और परिवर्तनों की सूची बना सकें जो परिस्थितियों के बावजूद हम यहां करने में सक्षम हैं।
इस साल मार्च में विधानसभा में पारित बजट का हवाला देते हुए सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भले ही राय अलग-अलग हो सकती है लेकिन सरकार का दायित्व इसके क्रियान्वयन में निहित है। उन्होंने कहा कि अब यह हमारा कर्तव्य है कि विधानसभा ने जो बजट पारित किया है जो बजट इस सरकार ने विधानसभा में लाया है और उसे मंजूरी दिलाई है, हम बजट निर्णयों को लागू करेंगे और संबंधित विभागों और एजेंसियों के साथ समीक्षा बैठकें आयोजित की जाएंगी।
उन्होंने बजटीय आबंटन का उपयोग करने तथा जिला पूंजीगत व्यय योजना को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि चूंकि यह काम का मौसम है इसलिए विकास कार्यों के लिए संक्षिप्त समय उपलब्ध है, खासकर सर्दियों के मौसम में।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मुख्य सचिव, वित्त सचिव और विभागों के साथ विस्तृत समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि जहां बाधाएं होंगी हम उन बाधाओं को दूर करने के लिए आवश्यक निर्णय लेंगे। उन्होंने विकास बिजली, आरएंडबी, पीएचई, स्वास्थ्य और समाज कल्याण विभागों से अपने काम की गति तेज करने का आग्रह किया।
जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए व्यापक राष्ट्रीय समर्थन पर बात करते हुए सीएम उमर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी हालिया बैठक का विवरण साझा करते हुए कहा कि भारत सरकार का सर्वोच्च स्तर यह देखना चाहता है कि पहलगाम हमले से जम्मू-कश्मीर में शासन और विकास की प्रक्रिया किसी भी तरह से बाधित न हो। उन्होंने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है जिसका हमें ध्यान रखना होगा।
पर्यटन क्षेत्र पर हाल की घटनाओं के प्रतिकूल प्रभाव को स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री ने तीर्थयात्रियों को बिना किसी असुविधा के एक सुचारू अमरनाथ यात्रा सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक प्रयास का आह्वान किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नागरिक प्रशासन की अपनी जिम्मेदारियां हैं जिन्हें हमें किसी भी कीमत पर पूरा करना होगा।
बहुप्रतीक्षित रेल-टू-कश्मीर परियोजना पर मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि उद्घाटन जो मूल रूप से 19 अप्रैल के लिए निर्धारित था लेकिन खराब मौसम के कारण स्थगित कर दिया गया जल्द ही होगा। उन्होंने कहा कि जितनी जल्दी हम पुल और ट्रेन का उद्घाटन करेंगे उतनी ही जल्दी अफवाहें खत्म होंगी और रेल हमें लाभ पहुंचाएगी।
इससे पहले मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने श्रीनगर स्थित नागरिक सचिवालय में मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद के सदस्यों का स्वागत किया और कहा कि नागरिक सचिवालय श्रीनगर में कार्यालयों के सुचारू संचालन के लिए सभी प्रबंध किए गए हैं।
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
