नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन अध्यक्ष ने स्वास्थ्य मंत्री काे लिखा पत्र
चंडीगढ़, 4 मई (Udaipur Kiran) । हरियाणा के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर रात के समय डॉक्टरों की तैनाती का कोई प्रबंध नहीं है। रात्रि के समय आने वाले इमरजेंसी केसों को वहां तैनात नर्सिंग स्टाफ ही डील करता है। कई बार रात के समय होने वाली डिलीवरी में भी डॉक्टर नहीं रहते हैं। डाक्टर अगले दिन सुबह आकर केवल फाइल पर हस्ताक्षर करते हैं।
उक्त दावा हरियाणा नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन ने किया है। एसोसिएशन ने इस संबंध में हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। एसोसिएशन ने
अपने पत्र में प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के संबंध में सरकार के दावों की पोल खोल दी है। एसोसिएशन की अध्यक्ष विनीता कुमारी ने रविवार को बताया कि राज्य के कई पीएचसी व सीएचसी पर नाइट ड्यूटी में केवल नर्सिंग अधिकारियों से डिलीवरी कराई जाती है, जबकि सभी रिकॉर्ड में डॉक्टर का नाम दर्शाया जाता है। यह न केवल गलत है, बल्कि किसी आपात स्थिति में मां और शिशु की जान को भी खतरा हो सकता है।
एसोसिएशन ने कहा कि महिला नर्सिंग अधिकारी बिना डॉक्टर की देखरेख के काम करने को मजबूर हैं। उन्होंने मांग की है कि डिलीवरी ड्यूटी में तैनात नर्सिंग स्टाफ की सुरक्षा और सम्मान को ध्यान में रखते हुए इवनिंग और नाइट शिफ्ट में अनिवार्य रूप से डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाए। नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन ने सरकार से इस मामले में तत्काल संज्ञान लेने और आवश्यक कदम उठाने की अपील की है।
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(Udaipur Kiran) शर्मा
