
जौनपुर, 04मई (Udaipur Kiran) । भाजपा ओबीसी मोर्चा ने जाति जनगणना के निर्णय पर नगर अध्यक्ष कमलेश कुमार निषाद के अध्यक्षता मे रविवार को बीजेपी कार्यालय पर सामाजिक सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।। सामाजिक सम्मेलन में ओबीसी मोर्चा के जिलाध्यक्ष अनिल गुप्ता मुख्य अतिथि रहे। सर्वप्रथम पार्टी के पुरोधा पंडित दीनदयाल उपाध्याय एवं श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम मे आये हुये पिछड़े और अति पिछड़े लोगों को सम्बोधित करते हुये मुख्य अतिथि ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जाति जनगणना का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इससे भारत के अन्य पिछड़े एवं अति पिछड़े वर्ग के लोगों को अपनी संख्या की पहचान होगी साथ ही संख्या के अनुपात में संवैधानिक अधिकार भी मिलेंगे।
आगे कहा कि इस निर्णय से पूरे देश का जनमानस खुश है आखिरी जातीय जनगणना 1931 में अंग्रेजी शासन के दौरान हुई थी। आजादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री मोदी ने जातीय जनगणना का निर्णय लिया है। इसलिए यह निर्णय सामाजिक न्याय और सहभागिता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह जाति जनगणना को लेकर झूठ फैला रहा है भारत में अधिकांश समय कांग्रेस की सरकार रही, लेकिन उसने कभी जाति जनगणना का निर्णय नहीं लिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की जातीय जनणना के फैसले से आज पिछड़े वर्ग के लोगों में जश्न का माहौल है, जातीय जनगणना होने से सामाजिक न्याय एवं संवैधानिक अधिकारों को पाने के नये अवसर मिलने वाले हैं। ओबीसी मोर्चा, उ०प्र० जहाँ एक तरफ जातीय जनगणना का फैसला लेने वाले देश के प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त करेगा वहीं कांग्रेस, सपा एवं गैर भाजपाई दलों जिनकी सोच, मानसिकता एवं एजेण्डा पिछड़ा विरोधी रहा है, उसका पर्दाफाश भी करेगा। नगर उतरी के अध्यक्ष सारिका सोनी ने कहा कि ओबीसी समाज के लोगों को शिक्षा, अर्थ व्यवस्था एवं राजनीति में भी आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। मोदी जी ने साबित किया है कि वह जो कहते हैं, करके भी दिखाते हैं। भाजपा की विचारधारा अन्योदय से सर्वोदय तक जाने की है। जो जातीय जनगणना के फैसले से सही प्रतीत हो रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सही मायनों में देश की 140 करोड़ जनता के रहनुमा है, जिन्होंने सबका साथ सबका विकास की अवधारणा पर सबको आगे बढ़ाने का काम किया है।
कमलेश निषाद ने कहा कि देश में गांधी परिवार से 03 प्रधानमंत्री बने हैं जिनमें पं० जवाहरलाल नेहरू, इन्दिरा गांधी के अलावा राजीव गांधी, क्या कभी गांधी परिवार ने ओबीसी समाज के लोगों के इस दर्द को समझा ? और समझता भी क्यों, क्योंकि गांधी परिवार तो हमेशा आरक्षण का विरोधी रहा है, ओबीसी समाज का विरोधी रहा है, दलितों का विरोधी रहा है। गांधी परिवार की यह आरक्षण विरोधी नीयत देश के सामने उस समय उजागर हो गयी थी जब 1955 के काका कालेलकर आयोग की रिपोर्ट को पं० जवाहरलाल नेहरू ने लागू नहीं होने दिया।कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री पिछड़ा मोर्चा अमर जौहरी ने किया।
(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
