
-आयुष्मान कार्ड से सूरत के 73 वर्षीय प्रकाशचंद्र भावसार की नि:शुल्क बायपास सर्जरी
सूरत, 4 मई (Udaipur Kiran) । गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लागू की गई ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई)’ के तहत गंभीर बीमारियों और ऑपरेशनों के लिए शत-प्रतिशत नि:शुल्क इलाज की सुविधा दी जाती है। यह योजना इन वर्गों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है। सूरत जिले के चौरासी तालुका के सचिन क्षेत्र के कणकपुर गांव के 73 वर्षीय प्रकाशचंद्र चूनीलाल भावसार की बायपास सर्जरी इसी योजना के तहत नि:शुल्क हुई, जिससे उन्हें नया जीवन मिला।
प्रकाशचंद्र भावसार कहते हैं, “अगर सरकार से यह सहायता न मिली होती, तो हम बहुत बड़ी मुसीबत में पड़ जाते। कोरोना काल के दौरान जब पूरी दुनिया भयभीत थी, तब हमारे जैसे आम नागरिकों के लिए दिन गुजारना भी मुश्किल था। बाजार बंद थे, रोजगार ठप थे और उसी समय मेरी तबीयत अचानक बिगड़ी। डॉक्टरों ने तुरंत बायपास सर्जरी कराने की सलाह दी।”
उन्होंने बताया कि वे सूरत के पिपलोड स्थित सनशाइन ग्लोबल अस्पताल में भर्ती हुए और अप्रैल 2020 में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत उनकी बायपास सर्जरी पूरी तरह नि:शुल्क की गई। आईसीयू में चार दिन और सामान्य वार्ड में चार दिन यानी कुल आठ दिन इलाज चला। चार ब्लॉकों की सर्जरी के बाद छुट्टी मिली और घर लौटने के लिए किराये की व्यवस्था भी की गई। आज, पांच साल बाद भी वे पूरी तरह स्वस्थ हैं। उनका कहना है कि आयुष्मान कार्ड सिर्फ एक साधारण कार्ड नहीं, बल्कि लाखों लोगों के लिए जीवन की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि, “अब जब आयुष्मान कार्ड की समय-सीमा पूरी हो रही है, मुझे सरकार की ‘वन्यवधना योजना’ के तहत घर बैठे नया कार्ड मिल गया है। अब दवा, इलाज और ऑपरेशन के बाद की देखभाल को लेकर कोई चिंता नहीं है। ‘आयुष्मान कार्ड’ ने जान बचाई और ‘वन्यवधना कार्ड’ अच्छे स्वास्थ्य का सहारा बनेगा।
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(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय
