Assam

अल्पसंख्यक इलाकों में भी कांग्रेस संकट में : भाजपा

कमल निशान।

– भूपेन बोरा और देबव्रत सैकिया की ज़मीन खिसकी

गुवाहाटी, 5 मई (Udaipur Kiran) । भाजपा प्रदेश मुख्यालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि असम में चल रहे पंचायत चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस की ज़मीन खिसकती नज़र आ रही है। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों, यहां तक कि अल्पसंख्यक-बहुल इलाकों में भी जनता ने कांग्रेस नेताओं को असम विरोधी बताते हुए गांवों से खदेड़ दिया है।

पहले चरण के चुनाव में, जो 2 मई को हुए, असम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र रंगानदी में एक भी सफल जनसभा नहीं कर सके। उनके अपने पंचायत क्षेत्र भोगपुर में भी लोगों ने कांग्रेस प्रचार का बहिष्कार कर दिया। भूपेन बोरा भले ही गुवाहाटी के वातानुकूलित होटलों में संवाददाता सम्मेलन कर रहे हों, लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि उन्हें उनके ही लोगों ने नकार दिया है।

नावबोइसा से विधायक भरत नरह भी प्रचार के दौरान अपने क्षेत्र में नदारद रहे। वहीं, कांग्रेस के परंपरागत गढ़ माने जाने वाले नाज़िरा में विपक्ष के नेता देबव्रत सैकिया की सभाओं में बेहद कम भीड़ देखने को मिली, जिससे साफ है कि उनकी पकड़ भी ढीली हो चुकी है।

पहले चरण में कांग्रेस नेता स्थानीय गांवों तक नहीं पहुंच सके। व्यापक जन आक्रोश के चलते कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को प्रचार पीछे खींचना पड़ा। यहां तक कि जब सांसद गौरव गोगोई मंच पर दिखे, तब भी जनसभाएं फीकी रही।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रंजीब कुमार शर्मा ने पार्टी मुख्यालय (अटल बिहारी वाजपेयी भवन) से बयान जारी कर बताया कि पूरे प्रदेश में कांग्रेस को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। नलबाड़ी में गौरव गोगोई को काले झंडे दिखाए गए और उन्हें पाकिस्तानी एजेंट तक कहा गया। अपने स्थानों पर लोगों ने उनकी सभाओं का बहिष्कार किया।

धुबरी से सांसद रकीबुल हुसैन और नगांव के सांसद प्रद्युत बरदलै पर टिकट बेचने के आरोप भी लगे हैं। यहां तक कि अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में भी कांग्रेस को तीखी नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। नगांव में इंशाअल्लाह जैसे धार्मिक नारों का अत्यधिक प्रयोग करने के लिए प्रद्युत बरदलै की आलोचना हो रही है। असम की सनातन समुदाय का कहना है कि उन्होंने कभी उनके मुद्दों पर बात नहीं की।

पहले चरण के मतदान के बाद भाजपा ने दूसरे चरण के लिए प्रचार तेज़ कर दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा खुद मोर्चा संभाले हुए हैं, उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष दिलीप सैकिया, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और पबित्र मार्घेरिटा के साथ ही राज्य के सभी मंत्री, सांसद, विधायक और बूथ स्तर के नेता भी जुटे हैं।

रविवार को मुख्यमंत्री ने काहिकुची के श्यामभूमि विद्यालय मैदान और पलाशबाड़ी क्षेत्रीय उच्च विद्यालय मैदान में दो विशाल चुनावी रैलियों को संबोधित किया। दिलीप सैकिया भी धूपधारा (ग्वालपाड़ा), रंगिया (मनहकुची), डिमो चौक और जयंतीपुर में प्रचार कर रहे हैं। वहीं सर्बानंद सोनोवाल ने बोइटामारी, घिलागुड़ी गोमाथ और बोनियाकुची में जनसभाएं कीं।

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(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश

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