
रक्तदान आलौकिक अनुभव, महसूस किया जा सकता हैः डा. शाह
हरिद्वार, 4 मई (Udaipur Kiran) । रक्तदान एक आलौकिक अनुभव है एवं जीवन बचाने के लिए हर पल रक्त की आवश्यकता होती रहती है। किसी जरूरतमंद का जीवन बचाने से बड़ा कोई और पुण्य का कार्य नहीं हो सकता है, इसलिये रक्तदान महादान है।
रविवार को स्वामी विवेकानंद हेल्थ मिशन सोसायटी द्वारा संचालित स्वामी रामप्रकाश चौरिटेबल चिकित्सालय में गोर्खाली सुधार सभा, शाखा हरिद्वार द्वारा जिला ब्लड बैंक के सहयोग से आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का उद्घाटन करते हुये मेडिकल डायरेक्टर डाॅ-संजय शाह ने उक्त विचार रखते हुए कहा कि रक्तदान करने के बाद स्वंय को गर्व महसूस होता है, जनहित में रक्तदान एक सराहनीय प्रयास है।
डा. शाह ने कहा कि एक व्यस्क व्यक्ति के शरीर में औसतन 10 यूनिट रक्त होता है, जिसमें से व्यक्ति एक यूनिट (350मिली) रक्तदान कर सकता है, लेकिन जागरूकता की कमी की वजह से व्यक्ति रक्तदान करने से डरता है या हिचकिचाता है। आमतौर जब व्यक्ति के लीवर या किडनी में आयरन संचित होने लगता है, तो उससे हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है। दरअसल आयरन खून को गाढ़ा बना देता है, जिससे ह्दय रोग होने का जोखिम बढ़ता है। रक्तदान करने से शरीर में आयरन का संतुलन बना रहता है और हृदय रोग का खतरा कम होता है। इसके अलावा डिमेंशिया या अल्जाइमर जैसी बिमारियों के होने की आशंका को कम करता है। रक्तदान से स्ट्रोक का खतरा भी 33 प्रतिशत तक कम हो जाता है। रक्तदान से कैंसर का जोखिम कम हाे जाता है। 50 किलोग्राम से अधिक वजन के लोग रक्तदान कर सकते हैं। रक्त में 12-5 ग्राम या इससे अधिक हीमोग्लोबिन का स्तर हो ताे 18 से 65 साल का कोई भी व्यक्ति रक्तदान कर सकता है।
गोर्खाली सुधार सभा शाखा अध्यक्ष शमशेर बहादुर बम ने कहा कि स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में पहुंचे युवाओं का हौसला आफजाई करते हुए कहा कि युवाओं का यह प्रयास सराहनीय व प्रेरणादायक है। इस तरह के शिविर आयोजित कर हम ब्लड की कमी को पूरा कर सकते हैं और जरूरतमंद की सहायता कर उसकी जान बचाने का पुण्य व परोपकारी कार्य कर सकते हैं। शिविर में करीब 50 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया।
रक्तदान शिविर से पूर्व विगत दिनों पहलगाम घटना में मारे गये पर्यटकों को दो मिनट का मौन रखते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ हेतु प्रार्थना की।
रक्तदान शिविर में भागीदारी व सहयोग करने वालाें में पदम सिंह गुरूंग, वासू ओली, हीरालाल शर्मा, सुमित मल्होत्र, कुमारी शर्मा, अंकित ठाकुर, ओमप्रकाश पांडे, राहुल कुमार, अभिनव गोयल, विपिन कुमार गौतम, पुष्पराज पांडे, करण सिंह राणा, मोनिका, किशन थापा, गगन शर्मा, वीपी सिंह चौहान, हरिकिशन, राशी अरोड़ा, वेद प्रकाश थापा, शिव बहादुर, मिनू, शुभम, शंकर पांडेय, चिरंजीव ज्ञवाली के अतिरिक्त शिविर को सफल बनाने में जिला ब्लड बैंक के डा-रविन्द्र चौहान, दिनेश लखेड़ा, रजनी अग्रवाल, मनोज चमोली, सतीश, अजीत रतूड़ी, सुधांशु, पारस, रजत और मुकेश पुजारी का सहयोग रहा।
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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
