Uttar Pradesh

बीएचयू कृषि विज्ञान संस्थान में आईएएस डॉ. अखिलेश मिश्रा ने किया संगीतमय सुंदरकांड पाठ

बीएचयू कृषि विज्ञान संस्थान में संगीतमय सुंदरकांड पाठ
बीएचयू कृषि विज्ञान संस्थान में संगीतमय सुंदरकांड पाठ

— बोले, “सुंदरकांड मानसिक शांति, आत्मिक ऊर्जा और नैतिक बल का स्रोत है”

वाराणसी, 03 मई (Udaipur Kiran) । काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कृषि विज्ञान संस्थान के शताब्दी कृषि प्रेक्षागृह में शनिवार को आध्यात्मिकता और संगीत का संगम देखने को मिला। आईएएस डॉ. अखिलेश कुमार मिश्रा ने यहां संगीतमय सुंदरकांड पाठ एवं उसकी व्याख्या के माध्यम से उपस्थित जनसमुदाय को भारतीय अध्यात्म की शक्ति से परिचित कराया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों, शिक्षकों और अतिथियों ने एक सुर में डॉ. मिश्रा का साथ दिया।

अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा, “सुंदरकांड का पाठ केवल मानसिक शांति ही नहीं देता, बल्कि यह आत्मिक ऊर्जा और नैतिक बल भी प्रदान करता है। यह जीवन को संतुलन और उद्देश्य देता है।”

डॉ. मिश्रा ने अपने छात्र जीवन को स्मरण करते हुए कहा कि बीएचयू उनके जीवन की नींव है, और गुरुजनों के समक्ष सुंदरकांड पाठ करना उनके लिए अत्यंत भावुक क्षण है। उन्होंने युवाओं को संदेश दिया कि वे चाहे कितनी भी शैक्षणिक उपलब्धियां क्यों न हासिल करें, परंतु अपनी संस्कृति और जड़ों से जुड़े रहना न भूलें।

डॉ. मिश्रा स्वयं बीएचयू के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने कृषि विज्ञान संस्थान से 1986 में बैचलर इन एग्रीकल्चरल साइंसेज, 1988 में मास्टर्स इन जेनेटिक्स और 1991 में पीएचडी (जेनेटिक्स) की उपाधियाँ प्राप्त की हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. उदय प्रताप सिंह ने की। उन्होंने कहा कि आधुनिक जीवन की आपाधापी में मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए आध्यात्मिक जुड़ाव अत्यंत आवश्यक है।

मुख्य वक्ता का परिचय मुख्य आरक्षाधिकारी प्रो. एस. पी. सिंह ने कराया। उन्होंने डॉ. मिश्रा के शैक्षणिक एवं प्रशासनिक योगदान को विस्तार से प्रस्तुत किया। मंच संचालन वैदिक दर्शन विभाग के प्रो. धनंजय कुमार पांडेय ने किया।

इस अवसर पर छात्र अधिष्ठाता प्रो. अनुपम नेमा सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारी और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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