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पाकिस्तान ने भारत के आईएमएफ ऋण समीक्षा प्रयास को ‘राजनीति से प्रेरित’ बताया

इस्लामाबाद, 03 मई (Udaipur Kiran) । पाकिस्तान ने भारत द्वारा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से उसकी आर्थिक सहायता की समीक्षा कराने की मांग को राजनीतिक से प्रेरित करार दिया है। यह बयान ऐसे समय आया है जब आईएमएफ की कार्यकारी बोर्ड की बैठक 09 मई को पाकिस्तान के साथ उसके विस्तारित निधि सुविधा (ईएफएफ) कार्यक्रम की पहली समीक्षा और लचीलापन और स्थिरता सुविधा के तहत नई व्यवस्था पर चर्चा के लिए निर्धारित है।

भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए, के बाद आईएमएफ सहित वैश्विक बहुपक्षीय एजेंसियों से पाकिस्तान को दी जा रही आर्थिक सहायता की समीक्षा करने की मांग की है। भारत का कहना है कि हमले में शामिल पांच आतंकियों में से तीन पाकिस्तानी नागरिक हैं। इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 अप्रैल को एक उच्च स्तरीय बैठक में देश के दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा देने का संकल्प लिया था।

इस्लामाबाद ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए एक निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की है। पाकिस्तान के अधिकारियों का कहना है कि भारत की यह कोशिश उसकी उस राजनीतिक मुहिम का हिस्सा है, जिसके जरिए वह पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर अलग-थलग करना चाहता है।

पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के सलाहकार खुर्रम शहजाद ने कहा कि आईएमएफ के साथ 7 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा है और यह देश की आर्थिक स्थिरता के लिए अत्यंत आवश्यक है। मार्च 2025 में पाकिस्तान को 1.3 अरब डॉलर की जलवायु लचीलापन निधि भी प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा, यह कार्यक्रम केवल अर्थव्यवस्था को स्थिर नहीं कर रहा है, बल्कि वैश्विक निवेशकों में विश्वास भी जगा रहा है।

पाकिस्तान का दावा है कि हाल ही में वॉशिंगटन में आईएमएफ और अन्य वैश्विक वित्तीय संस्थानों के साथ बैठकें सकारात्मक रही हैं और निवेशकों की रुचि बनी हुई है।

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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय

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