
भोपाल, 3 मई (Udaipur Kiran) । चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा डॉ. अरुणा कुमार को डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन (DME) नियुक्त किए जाने के खिलाफ प्रदेशभर में जूनियर डॉक्टर्स और मेडिकल टीचर्स में आक्रोश है। शनिवार दोपहर 12 बजे राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल परिसर स्थित नई ब्लॉक 1 और 2 के बाहर बड़ी संख्या में डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया।
गांधी मेडिकल कॉलेज से जुड़े जूनियर डॉक्टर्स, मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (एमटीए) और सीनियर फैकल्टी सदस्यों ने हाथों में पोस्टर और बैनर लिए जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि डॉ. अरुणा कुमार की नियुक्ति तुरंत रद्द की जाए और इस पद पर निष्पक्ष व विवादमुक्त छवि के व्यक्ति को नियुक्त किया जाए। भोपाल से जूडा अध्यक्ष डॉ. कुलदीप गुप्ता ने कहा, “हमारा विरोध व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि उनकी कार्यशैली और कार्यकाल के दौरान उत्पन्न विवादों को लेकर है। हम नहीं चाहते कि प्रदेश की चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था के शीर्ष पद पर कोई विवादित व्यक्ति बैठे।” उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में कई योग्य और स्वच्छ छवि वाले वरिष्ठ चिकित्सक हैं, जो इस पद के लिए अधिक उपयुक्त हैं।
डॉ. अरुणा कुमार की नियुक्ति के खिलाफ जबलपुर के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन – जूनियर डॉक्टर नेटवर्क मध्यप्रदेश और एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर की जूडा इकाई ने भी खुलकर आपत्ति जताई है। हमीदिया अस्पताल में हुए इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में जूनियर डॉक्टर्स, मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के सदस्य और अन्य चिकित्सक शामिल हुए। एमटीए की ओर से डॉक्टर राकेश मालवीय ने नेतृत्व किया। प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन संदेश साफ था, चिकित्सा शिक्षा जैसे संवेदनशील विभाग में ऐसा व्यक्ति नहीं चलेगा, जिस पर गंभीर आरोप और विवाद हों।
उल्लेखनीय है कि राजधानी के गांधी मेडिकल कॉलेज में करीब 2 साल पहले जूनियर महिला डॉक्टर बाला सरस्वती ने प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में तत्कालीन जीएमसी में गायनिक विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ अरुणा कुमार पर जूनियर डॉक्टर को प्रताड़ित करने के गंभीर आरोप लगे थे। जूनियर डॉक्टरों के विरोध के कारण बाद में 24 घंटे के अंदर डॉ अरुणा कुमार को स्वास्थ्य विभाग ने एचओडी के पद से हटा दिया था। जिसके बाद वो विभाग में संचालक के पद पर काम कर रही थीं। हालांकि एक बार फिर डॉ अरुणा कुमार का नाम चर्चा में है। अब उनको स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में डायरेक्टर ऑफ मेडिकल एजूकेशन बनाया गया है।
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(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे
