Uttrakhand

गंगा सप्तमी पर गंगोत्री में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

गंगाेत्री के शीतकालीन वास मुखवा से नजर आता गंगा घाटी का विहंगम दृश्य।

-मान्यता के अनुसार आज ही धरती पर उतरी थी गंगा

देहरादून, 3 मई (Udaipur Kiran) । वैशाख शुक्ल सप्तमी को गंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, आज ही के दिन मां गंगा भगवान शिव की जटाओं से निकलकर धरती पर अवतरित हुई थीं। इस अवसर पर विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। भक्तों ने गंगा के दर्शन कर पूजन-अर्चन किया और यज्ञ अनुष्ठानों में भाग लिया।

गंगा सप्तमी पर ब्रह्म मुहूर्त में गंगा, यमुना और सरस्वती की मूर्तियों का विधिवत अभिषेक व पूजन किया गया। इसके उपरांत विशेष भोग अर्पित कर उसे श्रद्धालुओं के बीच वितरित किया गया। गंगा घाटों पर भक्तों ने तर्पण, पूजा और स्नान कर पुण्य अर्जन किया।

गंगोत्री धाम स्थित श्री पंच समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि मां गंगा की स्वर्ण मूर्ति का भव्य शृंगार किया गया है। उन्होंने कहा कि आज का दिन गंगा अवतरण की स्मृति में पावन पर्व के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, राजा भगीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर मां गंगा शिवजी की जटाओं में अवतरित हुईं और फिर वहां से धरती पर आईं।

उन्हाेंने बताया कि गंगोत्री में सुबह छह बजे तक मां गंगा का अभिषेक किया गया। इसके बाद आरती और भोग अर्पित कर भगवती की स्वर्ण मूर्ति को विशेष रूप से सजाया गया। श्रद्धालु गंगा की आराधना कर पितरों की तृप्ति व मोक्ष की कामना कर रहे हैं।

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(Udaipur Kiran) / Vinod Pokhriyal

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