

•गुजरात सरकार, यात्राधाम बोर्ड तथा नर्मदा जिला प्रशासन की सुविधाओं से परिक्रमार्थियों की संख्या बढ़ी, गत वर्ष की तुलना में लगभग 4 गुना अधिक परिक्रमार्थी उमड़े
अहमदाबाद, 2 मई (Udaipur Kiran) । गुजरात में हर वर्ष फाल्गुन कृष्ण पक्ष अमावस्या से चैत्र वद अमावस्या (हिन्दी पंचांग के अनुसार चैत्र कृष्ण अमावस्या से वैशाख कृष्ण अमावस्या) यानी एक माह के लिए आयोजित होने वाली उत्तरवाहिनी पंचकोशी नर्मदा परिक्रमा हाल ही में संपन्न हुई है। नर्मदा जिले में आयोजित यह परिक्रमा गत 29 मार्च, 2025 को प्रारंभ हुई थी और हाल ही में गत 27 अप्रैल, 2025 को पूर्ण हुई है। इस वर्ष लगभग 9 लाख 9 हजार 900 श्रद्धालुओं ने 15 किलोमीटर की यह परिक्रमा की।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के सीधे मार्गदर्शन अंतर्गत राज्य सरकार ने उत्तरवाहिनी पंचकोशी नर्मदा परिक्रमा की पूरी तैयारियां की थीं। मुख्यमंत्री ने यह परिक्रमा प्रारंभ होने के 8वें दिन यानी 8 अप्रैल, 2025 को स्वयं परिक्रमा स्थल पर पहुंच कर परिक्रमा एवं परिक्रमार्थियों के लिए की गई व्यवस्थाओं का स्वनिरीक्षण किया और ‘आपकी श्रद्धा, हमारी व्यवस्था’ का मंत्र दिया। यही कारण है कि इस बार उत्तरवाहिनी पंचकोशी नर्मदा परिक्रमा में गत वर्ष की तुलना में 4 गुना अधिक श्रद्धालु उमड़ पड़े। वर्ष 2024 में केवल 2.50 लाख श्रद्धालुओं ने यह परिक्रमा की थी। गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने भी नर्मदा परिक्रमा की और प्रशासन तथा स्थानीयों द्वारा की गई सुविधाओं की प्रशंसा की थी।
परिक्रमा मार्ग तथा घाट बने श्रद्धालुओं के लिए सुगम
राज्य सरकार ने नर्मदा जिले में रामपुर घाट से शहेराव घाट, तिलकवाडा घाट तथा रेंगण घाट तक के 15 किलोमीटर के परिक्रमा मार्ग तथा चारों घाटों पर जो व्यवस्थाएँ कीं; उसके कारण श्रद्धालुओं के लिए कठिन मानी जाने वाली यह परिक्रमा सुगम बनी। परिक्रमा शुरू होने से पहले ही सरकार, गुजरात पवित्र यात्राधाम विकास बोर्ड एवं नर्मदा जिला प्रशासन द्वारा परिक्रमा मार्ग पर सड़क मरम्मत, संरक्षण दीवार का कार्य, बोटिंग जैसी सुविधाएं सुनिश्चित की गईं। परिक्रमार्थियों ने लगभग 70 बोट द्वारा यह परिक्रमा पूरी की।
सुरक्षा के लिए जवानों का बड़ा काफिला, परिवहन की उत्तम सुविधा
परिक्रमा के दौरान कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए पुलिस अधिकारियों तथा कर्मचारियों का बड़ा काफिला लगातार तैनात रहा। इसके अतिरिक्त; जिले के अधिकारी भी अनेक तरह से श्रद्धालुओं के लिए सहायक बने। इसके साथ ही; रेंगण गाँव व भादरवा गाँव से यात्रियों के आवागमन के लिए गुजरात राज्य सड़क परिवहन निगम (जीएसआरटीसी) की 10 बसों की व्यवस्था की गई थी। पार्किंग के लिए रामपुरा, तिलकवाडा एवं सामरिया में विशाल प्लॉट आवंटित किए गए और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की 6 टीमें भी हाजिर थीं।
प्राथमिक सुविधाओं से युक्त होल्डिंग एरिया का निर्माण
एक ही स्थान पर परिक्रमार्थियों की अधिक भीड़ न हो; इसकी सावधानी रखते हुए श्रद्धालुओं के लिए तिकलवाडा से रेंगण के बीच 5 और रामपुरा से शहेराव के बीच 3 होल्डिंग एरिया बनाए गए। इनमें पीने के पानी, मंडप, शौचालय, लाइट, पंखे, पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम (पीएएस), सूचना केन्द्र एवं अन्य सुविधाएँ थीं। 100 से भी अधिक सफाई कामगार दिन-रात परिक्रमा मार्ग की साफ-सफाई में जुटे रहे। सभी स्थलों पर पर्याप्त शौचालयों की व्यवस्था भी की गई थी।
नर्मदा स्थित धर्मस्थानों पर भी उमड़ी भीड़, टेम्पल इकोनॉमी को वेग
उत्तरवाहिनी पंचकोशी नर्मदा परिक्रमा के साथ नर्मदा जिले में स्थित रणछोडराय मंदिर, धनेश्वर महादेव, श्री मंगलेश्वर महादेव मंदिर, तपोवन आश्रम, श्री स्वामी रामानंद आश्रम, श्री सीताराम आश्रम, श्री मणिनाणेश्वर मंदिर जैसे पवित्र स्थलों पर भी परिक्रमार्थी बड़ी संख्या में उमड़े और उन्होंने इन मंदिरों में चलने वाले भंडारे का लाभ लिया। इन मंदिरों में हजारों परिक्रमार्थियों के दर्शनार्थ आने से नर्मदा जिले की टेम्पल इकोनॉमी में भी वृद्धि हुई है। गुजरात पवित्र यात्राधाम विकास बोर्ड के सदस्य रमेश मेरजा ने भी समग्र नर्मदा परिक्रमा की और साथ ही साथ परिक्रमार्थियों के लिए की गई सुविधाओं तथा व्यवस्थाओं की समीक्षा की। मेरजा ने कहा कि परिक्रमार्थियों की सुविधा के लिए राज्य सरकार द्वारा की गई सुविधाओं का परिक्रमावासियों ने भरपूर लाभ लिया है तथा गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष उनकी संख्या में भारी वृद्धि हुई है। दिन-रात चलने के कारण परिक्रमा के समग्र मार्ग तथा घाटों पर लाइट की व्यवस्था की गई थी।
नर्मदा जिला कलेक्टर एस. के. मोदी द्वारा परिक्रमा से जुड़े सभी अधिकारियों का व्हॉट्सएप ग्रुप बनाया गया। क्राउड मैनेजमेंट के लिए बने इस ग्रुप में श्रद्धालुओं की भीड़ पर लगातार नजर रखी गई, जिससे क्राउड मैनेजमेंट संभव हुआ। चारों घाटों तथा मार्ग पर जरूरी फायर सेफ्टी की सुविधाएँ की गई थीं। परिक्रमा के दौरान परिक्रमार्थियों की स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए कुल 32 टीमों में 8 मेडिकल वैन कार्यरत थीं। चारों घाटों पर लगभग 11 स्वयंसहायता समूहों के स्टॉल से श्रद्धालुओं को खाने-पीने की विभिन्न वस्तुएँ वितरित की गईं।
मंडप, लाइटिंग एवं साज-सज्जा
राज्य सरकार के पर्यटन सचिव डॉ. राजेन्द्र कुमार के मार्गदर्शन में यात्राधाम बोर्ड द्वारा सभी घाटों पर बड़ी साइज के मंडप, कुर्सियाँ, बैरीकेटिंग, लाइटिंग, टॉयलेट ब्लॉक, चेंजिंग रूम, मेडिकल बूथ, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, पुलिस बूथ मंडप, पेयजल सुविधा, सीसीटीवी, चेतावनी बोर्ड, डीजी सेट, साइनेजिस, पार्किंग, यात्री कतार रैलिंग, वॉच टावर, फूड स्टॉल, स्नान आदि की व्यवस्थाएं की गई थीं। इसके अतिरिक्त; कूड़ेदान, सीनियर सिटीजन बैठक व्यवस्था, आपात स्थिति के लिए मशीनरी जेसीबी, क्रेन, रस्सी आदि की व्यवस्था भी की गई थी।
—————
(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय
