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झगड़िया के निर्भया कांड को मिला न्याय, कोर्ट ने दी फांसी की सजा

झगड़िया जीआईडीसी थाने में आराेपी विजय  पासवान

• रेप के बाद क्रूरता के कारण पीड़िता की हो गई थी मौत

भरुच, 2 मई (Udaipur Kiran) । भरुच जिले की झगड़िया जीआईडीसी में पिछले साल 16 दिसंबर को 10 वर्षीय बालिका की दुष्कर्म के बाद क्रूरतापूर्वक हत्या मामले में कोर्ट ने आरोपित विजय पासवान को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है। इस केस में आरोपित ने बालिका के साथ रेप के बाद प्राइवेट पार्ट में लोहे की सरिया डाल दिया था, जिसकी वजह से बालिका की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।

घटना के कुछ ही घंटों के अंदर पुलिस ने आरोपित विजय पासवान को पकड़ लिया था। 72 दिनों की कानूनी प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी। इस केस में सरकारी वकील परेश बी पंडया ने बताया कि अरोपित ने जिस तरह से अपराध किया है वह अमानवीय है, इस वजह से उन्होंने कोर्ट में केस को रेयरेस्ट ऑफ रेयर की कटैगरी में रखने की विनती की, जिसे कोर्ट ने ग्राह्य रखा। सरकारी वकील की दलीलों ने आरोपित को दोषी करार देने से लेकर कठोर सजा दिलवाने में अहम भूमिका निभाई। अंकलेश्वर सेशन्स कोर्ट ने विजय पासवान को फांसी की सजा देकर समाज के समक्ष ऐसे घिनौने अपराध के विरुद्ध मजबूत संदेश दिया है। घटना के बाद पीड़िता का 8 दिनों तक इलाज किया गया था, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। घटना में दिल्ली के निर्भया कांड की तरह समानता होने की वजह से इसे झगड़िया का निर्भया कांड कहा जाने लगा था। घटना के पहले अरोपी विजय पासवान ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया था, लेकिन माता-पिता की चुप्पी ने अंतत: बालिका को मौत के मुंह में ढकेल दिया। इस केस में भरुच जिला के एसपी मयूर चावडा ने बताया था कि आरोपित विजय पासवान को पकड़ने के बाद उससे पूछताछ की गई। आरोपी ने कबूला था कि बालिका के साथ दुष्कर्म के बाद उसने प्राइवेट पार्ट में क्रूरतापूर्वक लोहे का सरिया डाल दिया था। इसकी वजह से बालिका के पेट के अंदर स्टूल एरिया, वजाइना, युट्रस और लार्ज इन्टेस्टाइन में गंभीर घाव हुआ था।

(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय

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