Chhattisgarh

ई रिक्शा से गांव से शहर की दूरी नाप रही लखपति दीदी रेखाबाई

ई रिक्शा चलाती हुई लखपति दीदी रेखाबाई।

धमतरी, 2 मई (Udaipur Kiran) ।हौसले और कड़ी मेहनत से कोई भी सपना को पूरा किया जा सकता है। यह केवल सपना ही नहीं बल्कि जीवन जीने की शैली बदल दी। यह कहानी है जिले के विकासखंड धमतरी के ग्राम पंचायत देमार के आश्रित ग्राम उसलापुर रेखा बाई चेलक की। जो जय मां लक्ष्मी स्व सहायता समूह से जुड़ी हुई है। सीमित संसाधनों के बावजूद भी स्वयं को स्थापित कर लखपति दीदी बनी।

रेखा बाई चेलक गांव में रोजी मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण रही थी। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के तहत गठन एवं पुनर्गठन हेतु आईसीआरपी टीम का गांव में आना हुआ। टीम की दीदीयों के द्वारा समूह का गठन और पुनर्गठन के संबंध में विस्तृत जानकारी दे रहे थे, तभी रेखा बाई चेलक के मन सदस्य बनकर कार्य करने की इच्छा व्यक्त की।

वाकपटुता को देखते हुए रेखा बाई जय मां लक्ष्मी स्व सहायता समूह की सदस्य के रूप में शामिल हुई। जीवन में आगे बढ़ने की जिजीविषा और बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर संस्कारवान बनाने के उद्देश्य से समूह के माध्यम से दो प्रतिशत मासिक ब्याज दर पर ऋण लेकर ई – रिक्शा संचालन करने की हाथ थामी। इसके लिए बकायदा ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान ( देना आरसेटी ) धमतरी में ई-रिक्शा चलाने का प्रशिक्षण लिया। कुछ दिनों के बाद रेखा बाई को अभिसरण से अनुदान में ई -रिक्शा मिला। अब देमार से धमतरी बस स्टैंड, कलेक्ट्रेट तक ई- रिक्शा सरपट दौड़ा रही है। इससे प्रतिदिन पांच सौ से हजार रुपये की आमदनी हो रही है। आत्मविश्वास में वृद्धि तो हुई साथ ही आत्मनिर्भर होकर परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान की। दूसरों के लिए प्रेरणा बनी रेखा बाई बताती हैं कि महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकती हैं और समाज की सोच को बदल सकती है। इसके लिए धैर्यता का होना बहुत जरूरी है।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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