इटानगर, 2 मई (Udaipur Kiran) । अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) केटी परनायक ने आज राजभवन में राज्य के सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा की। बैठक के दौरान राज्य के गृह मंत्री मामा नातुंग, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विवेक किशोर और पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) चुखु आपा ने राज्यपाल को भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने की प्रगति, इनर लाइन परमिट (आईएलपी) व्यवस्था और अन्य महत्वपूर्ण आंतरिक सुरक्षा मामलों सहित प्रमुख मुद्दों पर जानकारी दी।
राज्यपाल ने अरुणाचल प्रदेश की संवेदनशील भू-राजनीतिक स्थिति को देखते हुए सीमा पर बाड़ लगाने के सामरिक, सुरक्षा और सामाजिक-आर्थिक महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मजबूत बाड़ लगाने के बुनियादी ढांचे के साथ-साथ निर्दिष्ट क्रॉसिंग पॉइंट अवैध घुसपैठ, हथियारों की तस्करी, मादक पदार्थों की तस्करी और उग्रवादी आंदोलन को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। बाड़ लगाने की परियोजना को सुविधाजनक बनाने पर जोर देते हुए राज्यपाल ने कहा कि बाड़ लगाने से भारतीय क्षेत्र की स्पष्ट सीमा रेखा दिखाई देगी और अधिक सुरक्षित तथा स्थिर वातावरण को बढ़ावा मिलेगा, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
इनर लाइन परमिट प्रणाली को मजबूत करने का आह्वान करते हुए राज्यपाल ने इसे राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण कानूनी और प्रशासनिक सुरक्षा बताया। उन्होंने कहा कि गैर-निवासियों के प्रवेश को विनियमित करने के लिए आईएलपी आवश्यक है, जिससे जनसांख्यिकीय संतुलन को बनाए रखा जा सके और स्वदेशी समुदायों के अधिकारों और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा की जा सके।
उन्होंने आगे जोर दिया कि आईएलपी तंत्र आगंतुकों की बेहतर ट्रैकिंग और निगरानी को सक्षम करके कानून और व्यवस्था को बढ़ाता है।
राज्यपाल ने राज्य की आत्मसमर्पण नीति पर भी चर्चा की और गृह मंत्री तथा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ परामर्श करके समग्र आंतरिक सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने राज्य पुलिस के प्रयासों की सराहना की तथा अरुणाचल प्रदेश में शांति और विकास सुनिश्चित करने के लिए निरंतर सतर्कता और सक्रिय उपायों को प्रोत्साहित किया।
(Udaipur Kiran) / तागू निन्गी
