Uttar Pradesh

श्वसन रोगियों के उपचार के लिए हुई बड़ी पहल

*महायोगी गोरक्षनाथ चिकित्सालय में पल्मोनरी फंक्शन एवं ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया प्रयोगशाला का उद्घाटन*
*महायोगी गोरक्षनाथ चिकित्सालय में पल्मोनरी फंक्शन एवं ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया प्रयोगशाला का उद्घाटन*

गोरखपुर, 2 मई (Udaipur Kiran) । महायोगी गोरक्षनाथ चिकित्सालय में पल्मोनरी फंक्शन एवं ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया प्रयोगशाला का उद्घाटन शुक्रवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह प्रयोगशाला श्वसन रोगों के निदान के लिए एक उन्नत सुविधा प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। स्लीप डिसऑर्डर के लिए समर्पित गोरखपुर की पहली प्रयोगशाला है।

कुलपति डॉ. सिंह ने कहा कि चिकित्सालय की यह पहल न केवल क्षेत्र में विशेष चिकित्सा सेवाएं प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न कोर्सों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए प्रशिक्षण एवं शिक्षा का माध्यम भी बनेगी। इस अवसर पर उन्होंने आने वाले समय में सीटी स्कैन, एमआरआई और कैथ लैब की स्थापना की घोषणा भी की। इस अवसर महायोगी गोरक्षनाथ चिकित्सालय के चिकित्सा निदेशक डॉ. राजीव पाटनी ने सभी अभ्यागतों का स्वागत करते हुए चिकित्सालय की सेवा भाव एवं उच्चतम गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवा प्रदान करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि नींद संबंधी विकार एक मूक महामारी हैं, जो शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता पर गंभीर प्रभाव डालते हैं।

उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ. ऋषभ गोयल ने फेफड़ों के रोगों के प्रबंधन में डायग्नोस्टिक प्रक्रियाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को विस्तार से बताया। शरीर क्रिया विज्ञान की सहायक प्रोफेसर डॉ. बीनू प्रजापति ने स्पाइरोमेट्री और स्लीप लैब जांच की कार्यप्रणाली को स्पष्ट किया। इस अवसर पर श्री गोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनुराग श्रीवास्तव, आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गिरिधर वेदांतम सहित कई संकायों के डीन, शिक्षक और चिकित्सालय के डॉक्टर व स्टाफ मौजूद रहे।

(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय

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