Chhattisgarh

बलरामपुर : सुशासन तिहार अंतर्गत दिव्यांग अजेश, शत्रुधन एवं राजकुमार को मिला ट्रायसायकल

लाभार्थी।

बलरामपुर, 2 मई (Udaipur Kiran) । शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को जरूरतमंदों तक पारदर्शिता और त्वरित प्रक्रिया के माध्यम से पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में संचालित सुशासन तिहार, आम नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य पात्र हितग्राहियों को योजनाओं का त्वरित लाभ दिलाना और शासन-जनता के बीच सीधा संवाद स्थापित कर समन्वय का कार्य करना है, जिससे समाज के प्रत्येक वर्ग शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं लाभ प्राप्त कर सकें।

बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में भी कलेक्टर राजेन्द्र कटारा के मार्गदर्शन में सुशासन तिहार के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों का संबंधित विभागों द्वारा तत्परता से निराकरण किया जा रहा है। इसी कड़ी में समाज कल्याण विभाग द्वारा सुशासन तिहार के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों का निराकरण किया गया। जिसमें तीन दिव्यांगों को ट्रायसायकल प्रदान किया गया है। परिवहन की सीमित सुविधाएं दिव्यांगजनों के लिए बड़ी बाधा बनती थीं। लेकिन जैसे ही उन तीनों को ट्रायसायकल प्राप्त हुआ, उनके जीवन की दिशा ही बदल गई। अब वे स्वतंत्र रूप से घर से बाहर आना-जाना कर सकते हैं।

विकासखण्ड बलरामपुर के ग्राम पकराड़ी के रहने वाले 23 वर्षीय अजेश कुमार पोया ने बताया कि, पहले हर जगह जाने के लिए किसी न किसी पर निर्भर रहना पड़ता था लेकिन ट्रायसायकल मिलने से अब मैं खुद बाजार जा सकता हूं।इसी प्रकार विकासखण्ड राजपुर के डूमरपारा निवासी 68 वर्षिय शत्रुधन तथा विकासखण्ड बलरामपुर के ग्राम घाघरा निवासी 31 वर्षिय राजकुमार सोर्टिया को भी ट्रायसायकल प्रदान किया गया है।

तीनों दिव्यांगों ने बताया कि, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के द्वारा संचालित सुशासन तिहार में उन्होंने आवेदन प्रस्तुत किया था जिसके तहत उन्हें ट्रायसायकल मिला है, इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया है।

समाज कल्याण विभाग के उप संचालक ने बताया कि, सुशासन तिहार के तहत जनहित में प्राप्त आवेदनों का त्वरित निराकरण कर पात्र हितग्राहियों को सहायता प्रदान की जा रही है। विभाग का प्रयास है कि किसी भी पात्र व्यक्ति को योजनाओं से वंचित न रहना पड़े।

उन्होंने बताया कि सरकार की योजनाएँ सही समय पर पात्र व्यक्ति तक पहुँचें, तो वे किसी के जीवन में वास्तविक परिवर्तन ला सकती हैं। सुशासन तिहार के अंतर्गत ऐसे ही कई दिव्यांगजनों को न केवल उपकरण मिले, बल्कि उन्हें समाज में सम्मान के साथ जीने का हक भी मिला। तीनों दिव्यांग सिर्फ एक लाभार्थी नहीं, बल्कि सुशासन की सफलता के प्रतीक बन चुके है।

(Udaipur Kiran) / विष्णु पाण्डेय

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