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संयुक्त राष्ट्र ने गाजा में सहायता रोकने को बताया ‘क्रूर सामूहिक दंड’, इजराइल से प्रतिबंध हटाने की अपील

जेरूसलम, 01 मई (Udaipur Kiran) । संयुक्त राष्ट्र के आपातकालीन राहत समन्वयक टॉम फ्लेचर ने गुरुवार को इजराइल से अपील की है कि वह गाजा पट्टी में मानवीय सहायता पर लगाए गए प्रतिबंध को तुरंत हटाए। उन्होंने इस रोक को “क्रूर सामूहिक दंड” करार दिया और कहा कि सहायता को रोकना अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन है।

मार्च में संघर्षविराम के अंत के बाद से इजराइल ने गाजा में किसी भी प्रकार की मानवीय सहायता को प्रवेश की अनुमति नहीं दी है, जिससे यह क्षेत्र 19 महीने के युद्ध के दौरान सबसे भीषण मानवीय संकट का सामना कर रहा है। इजराइल का कहना है कि यह प्रतिबंध और उसका सैन्य अभियान हमास पर दबाव बनाने के लिए है ताकि शेष बंधकों को रिहा किया जा सके।

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हालिया हवाई हमलों में कम से कम 18 लोग मारे गए और 25 से अधिक लोग घायल हुए हैं। अस्पतालों में दवाओं और संसाधनों की भारी कमी है, जिससे गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं में कुपोषण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं, अधिकांश नवजात शिशु कम वजन के पैदा हो रहे हैं।

फ्लेचर ने कहा, “बंधकों को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए, लेकिन नागरिकों को बुनियादी सहायता से वंचित करना अस्वीकार्य है। सहायता को रोकना नागरिकों को भूखा मरने के लिए छोड़ देना है, यह उन्हें जीवन, गरिमा और आशा से वंचित करता है।”

फ्लेचर ने यह भी स्पष्ट किया कि “मानवीय आंदोलन स्वतंत्र, निष्पक्ष और तटस्थ है। हर नागरिक को समान सुरक्षा मिलनी चाहिए।” उन्होंने इजराइल द्वारा दी गई हालिया सहायता वितरण योजना को “न्यूनतम मानवीय मानकों को भी पूरा न करने वाली” बताया।

ब्रिटेन ने भी गाजा में सहायता बहाल करने की मांग की है। ब्रिटिश विदेश कार्यालय ने एक्स पोस्ट में लिखा, “गाजा का स्वास्थ्य तंत्र लगभग ढह चुका है। सहायता की आपूर्ति तुरंत बहाल की जानी चाहिए, चिकित्सा कर्मचारियों की सुरक्षा होनी चाहिए और बीमारों को इलाज के लिए बाहर जाने की अनुमति दी जानी चाहिए।”

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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय

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