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महाराष्ट्र और गुजरात ने स्वस्थ प्रतिस्पर्धा से देश के विकास को गति दी : अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को नई दिल्ली में गुजरात और महाराष्ट्र के स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए

नई दिल्ली, 1 मई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को नई दिल्ली में गुजरात और महाराष्ट्र के स्थापना दिवस के अवसर पर मिलन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के माध्यम से देश के विकास का जो सूत्र दिया है उसे दोनों राज्यों ने स्वीकारा है।

केंद्रीय मंत्री शाह ने अपने संबोधन में बॉम्बे पुनर्गठन अधिनियम के तहत 1 मई 1960 को बॉम्बे राज्य को दो अलग-अलग राज्यों गुजरात और महाराष्ट्र में विभाजित करने के निर्णय का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस निर्णय ने यह उदाहरण प्रस्तुत किया है कि कैसे एक राज्य के दो हिस्से बिना किसी कटुता के स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करते हुए एक-दूसरे का सम्मान करते हुए अपने-अपने विकास के माध्यम से देश के समग्र विकास में योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस दिन को देश के सभी राजभवनों में मनाया जाता है और यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक भारत श्रेष्ठ भारत की कल्पना को चरितार्थ करने का मजबूत उदाहरण है।

शाह ने कहा कि गुजराती और मराठी भाषाओं के बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। दोनों भाषाएं अपनी-अपनी जगह महान हैं और इनका साहित्य विश्व की किसी भी भाषा के साहित्य से कम समृद्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि ये दोनों भाषाएं देश की सांस्कृतिक धरोहर को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। साथ ही, दोनों राज्यों ने अपनी परंपराओं को संरक्षित रखते हुए आधुनिकता को अपनाया है और राष्ट्र की एकता व अखंडता को मजबूत करने में भी अहम योगदान दिया है।

केंद्रीय मंत्री शाह ने गुजरात और महाराष्ट्र दोनों राज्यों से अपना जुड़ाव बताया और कहा कि उनका जन्म और विवाह महाराष्ट्र में हुआ तथा उनकी कर्मभूमि गुजरात बनी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के कारण हम गुजरात और महाराष्ट्र के स्थापना दिवस समारोह को साधारण ढंग से मना रहे हैं। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वालों श्रद्धांजलि भी दी।

उपराज्यपाल के राजधानी को स्वच्छ और सुंदर बनाने के प्रयासों की सराहना करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि वह बहुत पहले श्री श्री रविशंकर के कार्यक्रम में यमुना तट कालिंदी घाट पर आये थे। उस समय यहां बहुत कूड़ा-करकट होता था। आज स्थिति में बदलाव देखकर प्रतीत होता होता है कि दिल्ली बदल रही है।

उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यमुनोत्री से लेकर प्रयागराज तक यमुना नदी के प्रवाह वाले क्षेत्रों में जल को पवित्र और शुद्ध करने तथा दिल्ली में साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर एक रिवर फ्रंट विकसित करने की दिशा में तेजी से कार्रवाई शुरू की है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकारें इस संपूर्ण योजना को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए पूरी तरह कटिबद्ध हैं। यमुना का शुद्धिकरण न केवल दिल्लीवासियों के लिए, बल्कि उन सभी लोगों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है जो किनारे के राज्यों में रहते हैं और श्रीकृष्ण एवं यमुना के प्रति श्रद्धा रखते हैं।

कार्यक्रम में दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना, सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जस्टिस प्रसन्ना वराले, केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और गुजरात-महाराष्ट्र के दिल्ली में रहने वाले लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार

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