HimachalPradesh

चमियाना सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में आईपीडी सेवाओं का शुभारंभ, रोबोटिक सर्जरी की भी होगी सुविधा

मुख्यमंत्री चमियाना अस्पताल में शुभारंभ करते हुए

शिमला, 01 मई (Udaipur Kiran) । शिमला के निकट चमियाना स्थित अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटी में गुरूवार को इन-पेशेंट डिपार्टमेंट (आईपीडी) सेवाओं का विधिवत शुभारंभ मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अस्पताल का निरीक्षण कर अधिकारियों को मरीजों को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के निर्देश दिए।

उन्होंने बताया कि आईजीएमसी शिमला में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, न्यूरोलॉजी, एंडोक्राइनोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी और प्लास्टिक सर्जरी जैसे महत्वपूर्ण विभागों को इस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है। वहीं, आगामी दो माह में कार्डियोलॉजी और कार्डियोथोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) विभाग भी यहां स्थानांतरित कर दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने अस्पताल परिसर में अधिकारियों के साथ बैठक कर स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति की समीक्षा की और आवश्यक सुधारों हेतु दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को अस्पताल तक पहुंचने वाली सड़क को और बेहतर करने के निर्देश दिए। साथ ही मरीजों की सुविधा के लिए परिवहन सेवाएं भी सुदृढ़ करने की बात कही।

सीएम सुक्खू ने कहा कि यह अस्पताल लंबे समय से अधूरा था, लेकिन वर्तमान सरकार ने इसे प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करने का कार्य शुरू किया। उन्होंने बताया कि अस्पताल के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए 23 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। 337 बिस्तरों वाले इस अस्पताल में अत्याधुनिक ऑपरेशन थियेटर और कैथ लैब की सुविधा उपलब्ध है और आगामी छह माह में यह पूरी तरह से कार्यशील हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि चमियाना अस्पताल प्रदेश का पहला ऐसा संस्थान होगा जहां रोबोटिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके बाद कांगड़ा जिले के टांडा मेडिकल कॉलेज में भी यह सुविधा शुरू की जाएगी। इसके साथ ही टांडा, हमीरपुर और नेरचौक के मेडिकल कॉलेजों में 3 टेस्ला एमआरआई मशीनें स्थापित की जा रही हैं। आईजीएमसी की पुरानी एमआरआई मशीन को भी शीघ्र बदला जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को आधुनिक बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा 200 करोड़ रुपये की राशि आधुनिक तकनीक पर खर्च की जा रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से यह विकास कार्य कर रही है ताकि प्रदेशवासियों को स्थानीय स्तर पर ही विश्वस्तरीय चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हो सकें।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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