
जोधपुर, 01 मई (Udaipur Kiran) । वैश्विक स्वास्थ्य के लिए सर्वोच्च दस खतरों में से एक के रूप में चिन्हित डेंगू बुखार की वैक्सीन पर रिसर्च तीसरे व अंतिम चरण है और इसके लिए जोधपुर एम्स में डेंगीऑल की सिंगल डोज़ निशुल्क लगाई जा रही है। इससे पहले देश में दो अनुसंधान परीक्षण हो चुके हैं, जिनमें डेंगीऑल वैक्सीन को सुरक्षित व प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को प्रेरित करता पाया गया है।
उल्लेखनीय है कि डेंगू बुखार डेंगू वायरस के संक्रमण के कारण होता है तथा वर्तमान में डेंगू बुखार का कोई विशिष्ट उपचार उपलब्ध नहीं होने है। यही वजह है कि इस बुखार से बढ़ती मृत्यु दर पर पूर्ण रूप से अंकुश नहीं लग पा रहा है। इसी को देखते हुए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा पैनेसिया बायोटेक के साथ मिलकर डेंगीऑल नामक डेंगू वैक्सीन विकसित कर इसका परीक्षण किया जा रहा है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जोधपुर स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के कम्युनिटी कॉर्डिनेटर उम्मेदराज जैन ने बताया कि राजस्थान में डेंगीऑल से संबंधित परीक्षण वर्तमान में एम्स जोधपुर में प्रगति पर है। इसका उद्देश्य स्वस्थ भारतीय वयस्कों में एकल खुराक डेंगू वैक्सीन की प्रभावशीलता, प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया एवं सुरक्षा का मूल्यांकन करना है। यह अध्ययन राष्ट्रीय स्वास्थ्य अनुसंधान कार्यक्रमके वेक्टर बोर्न कंपोनेंट के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है। इससे पहले के दोनों परीक्षण सुरक्षित रहे हैं।
यह लगवा सकते हैं वैक्सीन
जैन के अनुसार गर्मी के मौसम में डेंगू वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने व इससे होने वाली मृत्यु दर पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से एम्स जोधपुर द्वारा संचालित तीसरे चरण के अनुसंधान अध्ययन के लिए केवल मई माह तक जीवन रक्षार्थ यह वैक्सीन नि:शुल्क लगाई जा रही है। इसके लिए 18 से 45 वर्ष की आयु वर्ग तथा 45 से 60 वर्ष की आयु वर्ग के कोई भी व्यक्ति इस सिंगल डोज़ वैक्सीन को स्वैच्छिक रूप से नि:शुल्क लगवा सकते हैं। इस बारे में किसी भी जानकारी के लिए कोई भी इच्छुक व्यक्ति उम्मेदराज जैन से संपर्क कर सकते हैं।
(Udaipur Kiran) / सतीश
