
सिरसा, 1 मई (Udaipur Kiran) । चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप पीजी पाठ्यक्रम एवं क्रेडिट फ्रेमवर्क के लिए गुरुवार को विश्वविद्यालय में बैठक हुई। विश्वविद्यालय के एनईपी सेल के कन्वीनर एवं डीन अकादमिक अफेयर्स प्रो. सुरेश गहलावत ने कहा कि यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन की गाइडलाइन्स के अनुरूप एनईपी को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए यह मीटिंग बुलाई गई है। उन्होंने बताया कि नवाचारपूर्ण ढांचे के अंतर्गत पीजी कार्यक्रमों में प्रवेश के तीन विकल्प प्रस्तावित किए गए हैं। एक वर्षीय पीजी कार्यक्रम, जो चार वर्षीय यूजी प्रोग्राम पूर्ण कर चुके विद्यार्थियों के लिए होगा। दो वर्षीय पारंपरिक पीजी कार्यक्रम, जो तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम पूर्ण करने वालों के लिए है। इसमें पहले वर्ष के उपरांत एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा का एक्जिट विकल्प भी उपलब्ध रहेगा। पांच वर्षीय एकीकृत पीजी कार्यक्रम, जिसमें विद्यार्थी 10+2 के बाद सीधे प्रवेश ले सकेंगे।
यह पाठ्यक्रम रूपरेखा न केवल उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगी, बल्कि विद्यार्थियों में बहु-विषयक दृष्टिकोण भी विकसित करेगी। इस ढांचे के अंतर्गत विद्यार्थी अपनी पीजी शिक्षा के लिए मेजर या माइनर कोर्सेज का चयन कर सकते हैं। साथ ही अपनी रुचि के अनुसार कोई अन्य विषय भी चुन सकते हैं।
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(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma
