
पटना, 1 मई (Udaipur Kiran) । जातीय जनगणना पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खास मंत्री विजय चाैधरी ने गुुरूवार काे कहा कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर विपक्ष जबरन श्रेय लेने का पाखंड कर रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि इसकी पहल और बिहार में इसका संपूर्ण नेतृत्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किया गया।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि विपक्ष की भूमिका मात्र समर्थन देने तक सीमित रही है,जबकि इस ऐतिहासिक निर्णय की शुरुआत और क्रियान्वयन दोनों नीतीश सरकार द्वारा किए गए। उन्होंने यह भी कहा कि समर्थन देने और किसी पहल की शुरुआत करने में गहरा अंतर होता है।
जदयू कार्यालय में पत्रकाराें से बातचीत में कांग्रेस के श्रेय लेने पर विजय चौधरी ने सवाल उठाते हुए कहा कि सीएम नीतीश ने इंडिया गठबंधन में जातीय गणना को पहला मुद्दा बनाने की बात कही थी लेकिन तब राहुल गांधी ने ममता बनर्जी के साथ मिलकर इसे खारिज किया था। आज इस फैसले पर राहुल गांधी श्रेय लेने का काम कर रहे हैं। देश में जातीय गणना के फैसले पर पीएम मोदी को याद किया जाएगा। वहीं नीतीश कुमार ने इसकी शुरुआत की थी यह भी इतिहास में दर्ज हो गया है। नीतीश ने बिहार में करके देश को दिशा दिखाया यह भी याद किया जाएगा। नीतीश कुमार ने पूरे देश को रौशनी दिखाई है।
जातिय जनगणना के लिए नीतीश कुमार को सबसे बड़ा अगुआ बताते हुए कहा कि 2021 जनगणना होनी थी लेकिन उसके पहले 2019 में सीएम नीतीश ने जातीय गणना की मांग की थी। उस समय विधानसभा ने 2019 – 20 में सर्वसम्मति से पास किया था। उस समय केंद्र और राज्य दोनों जगहों पर एनडीए की सरकार थी यह विशेष बात है। वहीं 2021 में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पीएम से मिला था, उस समय भी एनडीए सरकार थी। तब पीएम ने आश्वासन दिया था कि आगे क्या किया जा सकता है राज्य सरकार कर सकती है।उन्होंने कहा कि उसी के बाद नीतीश कुमार ने बिहार में जातीय जनगणना कराया था। इसमें विपक्षी दलों की कोई भूमिका नहीं थी। इतना ही नहीं बिहार के जातीय गणना पर कोर्ट से रोक लगाया गया तो इस मामले में सरकार न्यायालय में कानूनी लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने भरोसा दिया कि इसे नौवीं अनुसूची में डालने के लिए नीतीश सरकार प्रतिबद्ध है।
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(Udaipur Kiran) / चंदा कुमारी
