
बलरामपुर, 1 मई (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर पर बसा बलरामपुर जिला मवेशी तस्करी के लिए बदनाम रहा है। वर्षों से इस जिले से होकर तस्कर मवेशियों को झारखंड के बूचड़खाने ले जाते रहे है। इसमें मालवाहकों का भी उपयोग किया जाता रहा है। मवेशी तस्करी के चक्कर में हत्या जैसी गंभीर घटना भी बलरामपुर जिले में हो चुकी है।
अब बलरामपुर पुलिस ने मवेशी तस्करों के विरुद्ध अभियान छेड़ रखा है। एक के बाद एक कार्रवाई कर मवेशियों को बरामद करने के साथ ही झारखंड से पशु तस्करों को पकड़ा जा रहा है। मवेशी तस्करी के लिए प्रयुक्त मालवाहक वाहनों की भी जब्ती हो रही है।
पुलिस के अभियान के बाद मवेशी तस्करों ने तस्करी के लिए नए तरीके भी ईजाद किए है। रात के अंधेरे में मवेशी से भरे वाहनों के आगे आगे लक्जरी गाड़ियों से तस्कर निकल रहे है। उनके द्वारा पुलिस की घेराबंदी की जानकारी देकर तस्करी में प्रयुक्त वहान के चालकों को सतर्क करने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि उनकी यह रणनीति भी काम नहीं आ रही है। लगातार कार्रवाई कर बलरामपुर पुलिस ने मवेशी आपूर्ति के चैन को तोड़ दिया है।
अब नजर उन अंतरराज्यीय अपराधियों पर है जो दूसरे राज्यों में बैठकर मवेशियों को बलरामपुर के रास्ते बूचड़खाने ले जाने के काम में लगे हुए हैं। बीते दिनों पुलिस ने एक पायलटिंग वाहन तथा मवेशियों से भरा पिकअप जब्त किया है। पुलिस के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, बलरामपुर जिले के सभी थाना क्षेत्रों की पुलिस को रात में जगह जगह प्वाइंट लगाकर खड़ा किया जा रहा है। मवेशी से लदे वाहनों की पड़ताल की जा रही है।
पुलिस के इस अभियान को गो सेवकों का भी साथ मिल रहा है। गो तस्करी रोकने के अभियान में पुलिस की त्वरित कार्रवाई से तस्करों की नींद उड़ी हुई है। बीते दिनों पुलिस ने विजयनगर चौकी क्षेत्र में 110 नग मवेशियों को जब्त किया था। पैदल ही रात के अंधेरे में मवेशियों को झारखंड के जय जा रहा था।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा का विभाजन कन्हर नदी करती है। मवेशी तस्कर रात के अंधेरे में पैदल ही इस नदी को पार कर मवेशियों को झारखंड के जाते है। छोटे मालवाहक पिकअप, टाटा एस जैसे वाहनों का भी उपयोग इस कार्य में किया जा रहा है।
जिले के एसपी वैभव बेंकर ने आज गुरुवार को बताया कि, मवेशी तस्करी पर रोक के लिए शासन के द्वारा निर्देशित किया गया है। इस पर कानून भी बना हुआ है। इसी कानून के तहत पुलिस पुलिस अपना काम कर रही है। लगातार कार्रवाई से मवेशी तस्करों के सप्लाई चैन तोड़ दिया गया है। अन्य अपराधी जो इस नेटवर्क से जुड़े है उन सभी को पकड़ पूरे नेटवर्क को ध्वस्त किया जाएगा।
पुलिस के द्वारा प्राप्त सूचना के अनुसार, 18 मार्च को विजयनगर पुलिस ने 16 मवेशियों से लोड पिकअप को जब्त कर तीन आरोपितों को पकड़ा। इसी क्षेत्र में तस्करों के चंगुल से 110 मवेशियों को मुक्त कराया गया। अप्रैल महीने में लगातार पांच कार्रवाई हुई। इसमें मवेशी लोड वाहनों के साथ 10 आरोपितों को पकड़ा गया। जिले के सीमावर्ती थानों में मवेशी तस्करों के विरुद्ध ज्यादा कार्रवाई हो रही है।
(Udaipur Kiran) / विष्णु पाण्डेय
