Madhya Pradesh

जबलपुर में उच्च न्यायालय परिसर में विकसित “जस्टिस ग्रीन्सका लोकार्पण

जबलपुर उच्च न्यायालय परिसर में विकसित “जस्टिस ग्रीन्सका लोकार्पण

जबलपुर, 30 अप्रैल (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश में न्यायिक बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए, माननीय न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत, मुख्य न्यायाधीश, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने बुधवार को विदिशा में न्यायिक अधिकारियों हेतु नवनिर्मित 14 आवासीय क्वार्टरों का वर्चुअल उद्घाटन कर उन्हें समर्पित किया। इसके साथ ही जबलपुर स्थित उच्च न्यायालय परिसर में नव विकसित हरित उद्यान “जस्टिस ग्रीन्स को भी समर्पित किया गया।

विदिशा स्थित इस आवासीय परिसर में 5 सी-टाइप ,5 डी-टाइप तथा 4 ई-टाइप क्वार्टर शामिल हैं, जिन्हें विशेष रूप से न्यायिक अधिकारियों को सुरक्षित, पर्याप्त तथा गरिमापूर्ण आवास सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से निर्मित किया गया है। यह अधोसंरचना उन अधिकारियों को स्थायित्व एवं संस्थागत समर्थन प्रदान करने की दिशा में एक प्रयास है, जो अपने गृह नगरों से दूर सेवा दे रहे हैं।

इस अवसर पर माननीय न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा, प्रशासनिक न्यायाधीश, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय तथा माननीय न्यायमूर्ति गुरपाल सिंह अहलूवालिया, पोर्टफोलियो न्यायाधीश, जिला विदिशा सहित उच्च न्यायालय के अन्य माननीय न्यायमूर्तिगण भी उपस्थित रहे।

उल्लेखनीय है कि उक्त आवासीय परियोजना को राज्य सरकार द्वारा जनवरी 2012 में 4.94 करोड़ रुपये की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई थी। निर्माण कार्य का शुभारंभ जून 2013 में कार्य आदेश जारी होने के पश्चात हुआ और वर्ष 2017 में इसका निर्माण पूर्ण हो गया था। तथापि, प्रशासनिक कारणों से यह परिसर अब तक उपयोग में नहीं लाया जा सका था।

इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए माननीय मुख्य न्यायाधीश ने इस बहुप्रतीक्षित परियोजना के पूर्ण होने पर संतोष प्रकट किया और सार्वजनिक परिसरों के समयबद्ध उपयोग की आवश्यकता पर बल दिया। माननीय न्यायमूर्ति गुरपाल सिंह अहलूवालिया ने न्यायिक अधिकारियों के लिए गुणवत्तापूर्ण आवासीय सुविधाओं और उनके कार्य-प्रदर्शन के बीच घनिष्ठ संबंध को रेखांकित किया।

इसी क्रम में, जबलपुर उच्च न्यायालय परिसर में विकसित “जस्टिस ग्रीन्सका लोकार्पण इस आयोजन को एक पर्यावरणीय एवं सौंदर्यपरक आयाम प्रदान करता है। सुंदर लैंडस्केप वाले यह उद्यान न केवल न्यायालय परिसर की शोभा बढ़ाएंगे, बल्कि न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं, न्यायालयीन कर्मचारियों एवं पक्षकारों को चिंतन एवं मानसिक शांति हेतु एक अनुकूल वातावरण भी प्रदान करेंगे।

इस गरिमामय अवसर पर रजिस्ट्रार जनरल धर्मेन्द्र सिंह, मध्य प्रदेश राज्य न्यायिक अकादमी के निदेशक कृष्णमूर्ति मिश्रा, रजिस्ट्री एवं अकादमी के वरिष्ठ अधिकारीगण तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रिंसिपल रजिस्ट्रार (न्यायिक ) संदीप शर्मा द्वारा किया गया, तथा रजिस्ट्रार (कार्य एवं अवसंरचना) युगल रघुवंशी ने आभार प्रदर्शन किया।

इस उद्घाटन के माध्यम से मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने न्यायिक अवसंरचना को सुदृढ़ करने तथा सभी संबंधित हितधारकों के कल्याण को सुनिश्चित करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को एक बार पुनः दोहराया है।

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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक

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