
मुख्यमंत्री पहल करके कानूनी रूप से पानी लेने का प्रयास करेंहिसार, 30 अप्रैल (Udaipur Kiran) । कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री संपत सिंह ने सवाल उठाया है कि पानी के मामले में हर बार हरियाणा के साथ ही अन्याय क्यों होता है? आज के दिन प्रदेश के किसानों के लिए सिंचाई के लिए भाखड़ा से पानी मिलना तो दूर की बात है, पीने का पानी भी नहीं मिल रहा। संपत सिंह ने बुधवार को कहा कि हरियाण को हमेशा भाखड़ा से 9000 से 10000 क्यूसिक तक पानी मिलता रहा है। इस पानी के बंटवारे पर नियंत्रण भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड का है। यह बोर्ड ही प्रत्येक राज्य को उनके हक के अनुसार पानी देता है। हरियाणा सरकार को तुरंत बीबीएमबी को लिखकर केन्द्र सरकार को पत्र लिखना चाहिए। बीबीएमबी के इस पत्र पर केन्द्र सरकार को तुरंत फैसला करने के लिए खुद मुख्यमंत्री को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाखड़ा नहर में कटौती से हरियाणा के कई जिलों में हाहाकार मच गया है। इस अफरा-तफरी के माहौल में पीने के पानी की भी कमी होने के कारण लोग टैंकरों से मंहगें दाम पर खरीद रहे है। हालांकि भाखड़ा में पानी की कमी की वजह से सबसे ज्यादा हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, जींद व महेन्द्रगढ़, रोहतक, झज्जर, कुरूक्षेत्र, पंचकूला जिले प्रभावित होते हैं। यमुना और भाखड़ा की नहरों को जोड़ने के लिए एनबीके व सिरसा ब्रांच बनी हुई है जिससे एक दूसरे के क्षेत्र में आवश्यकतानुसार संकट के समय पानी को उपलब्ध करवाया जा सकता है। संपत सिंह ने कहा कि केन्द्र और प्रदेश में दोनों जगह भाजपा की सरकार है ऐसे समय में प्रदेश सरकार को तुरंत मजबूत कदम उठाने चाहिए और केन्द्र सरकार पर अपना कानूनी हक प्राप्त करने के लिए पूरा दबाव बनाना चाहिए। पंजाब सरकार ने हरियाणा के खिलाफ बहुत ही गैर-कानूनी व अनुचित कदम उठाया है। जबसे भाखड़ा डैम बना है और रावी और ब्यास नदियों पर टनल व लिंक नहर से सतलुज के पानी से जोड़ा गया है उसके बाद हरियाणा को निरंतर उसका हक मिलता रहा है।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
