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तृणमूल कांग्रेस के नौ नेताओं को 13 मई को कोर्ट में पेश होने का आदेश

राऊज एवेन्यू कोर्ट

नई दिल्ली, 30 अप्रैल (Udaipur Kiran) । राऊज एवेन्यू कोर्ट के एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने अप्रैल, 2024 में दिल्ली में निर्वाचन आयोग के दफ्तर के सामने प्रदर्शन करने के मामले में तृणमूल कांग्रेस के नौ नेताओं को आज कोर्ट में पेशी से छूट दे दी है। सभी आरोपितों को 13 मई को पेश होने का आदेश दिया गया है।

कोर्ट ने आज तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन, मोहम्मद नदीमुल हक, डोला सेन, साकेत गोखले, सागरिका घोष, अर्पिता घोष, शांतनु सेन, अबीर रंजन बिस्वास और सुदीप राहा को पेशी से छूट दी। आज कोर्ट में तृणमूल कांग्रेस नेता विवेक गुप्ता पेश हुए। कोर्ट ने विवेक गुप्ता को जमानत दे दी।

कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की ओर से जारी चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए 21 अप्रैल को तृणमूल कांग्रेस के दस नेताओं को समन जारी किया था। इनमें डेरेक ओ ब्रायन, मोहम्मद नदीमुल हक, डोला सेन, साकेत गोखले, सागरिका घोष, विवेक गुप्ता, अर्पिता घोष, शांतनु सेन, अबीर रंजन बिस्वास और सुदीप राहा शामिल हैं। कोर्ट ने इन नेताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188, 145 और 34 के तहत संज्ञान लिया था।

दरअसल, 8 अप्रैल 2024 को शाम करीब चार बजे तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने हाथों में बैनर और तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया। दिल्ली पुलिस के मुताबिक इन नेताओं ने ये प्रदर्शन बिना किसी अनुमति के किया और अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 144 का उल्लंघन किया। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक इन नेताओं ने चेतावनी देने के बावजूद प्रदर्शन जारी रखा, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई।

तृणमूल नेताओं का ये प्रदर्शन सीबीआई, ईडी, एनआईए और इनकम टैक्स विभाग के प्रमुखों को हटाने की मांग करते हुए किया गया था। तृणमूल कांग्रेस का आरोप था कि ये चारों एजेंसियां साल 2024 के आम चुनाव के दौरान सत्ताधारी भाजपा के दबाव में काम कर रही थी। 8 अप्रैल, 2024 के प्रदर्शन के पहले तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने निर्वाचन आयोग के सभी आयुक्तों को अपनी मांग संबंधी ज्ञापन दिया था। इसके बाद तृणमूल नेताओं ने निर्वाचन आयोग के समक्ष धरना देना शुरू कर दिया, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।

(Udaipur Kiran) /संजय

(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम

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