
जौनपुर,29 अप्रैल (Udaipur Kiran) । वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा जल संचयन जन भागीदारी के अंतर्गत विशेष व्याख्यान का आयोजन मंगलवार को किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रयागराज के सीएमपी पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज के डॉ विनय कुमार सिंह ने कहा कि सर्फेस वॉटर बॉडीज के संरक्षण और उनके सतत प्रबंधन की जरूरत है l डॉ. सिंह ने बताया कि कोलवासरी में कोल को साफ करने हेतु जल का अधिक अपव्यय किया जाता है ऐसी कोलवासरी में हमें पीने योग्य जल को बचाने की जरूरत है साथ ही साथ धुलाई वाले जल का ट्रीटमेंट कर नदी में ड्रेन करने की जरूरत हैl अन्यथा की स्थिति में कोलवासरी से जाने वाले हेवी मेटल नदियों के जलीय जीव के प्रजनन को प्रभावित करते हैं और अंत में वही जलीय जीव मानव द्वारा उपयोग में लाया जाता है जिसका प्रभाव मानव स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।उन्होंने कहा कि नदी में जाने वाले अपशिष्ट हेवी मेटल नदी को प्रदूषित करते हैं और हमारा भूगर्भ जल भी प्रदूषित होता है।इस अवसर पर विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रोफेसर राजेश शर्मा ने कोलवासरी में पाए जाने वाले हेवी मेटल का विभिन्न प्रकार के माइक्रोव द्वारा रिमूव करने की जरूरत पर बल दिया।इस अवसर पर जल संचयन जन भागीदारी के नोडल अधिकारी एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ विवेक कुमार पाण्डेय द्वारा अतिथियों का स्वागत करते हुए विषय प्रवर्तन किया गया। छात्रा अंकिता ने धन्यवाद एवं संचालन पर्यावरण विज्ञान विभाग की छात्रा वर्षा यादव ने कियाl
(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
