
जम्मू, 29 अप्रैल (Udaipur Kiran) । पहलगाम के आतंकी हमले में पाकिस्तान के हाशिम मूसा उर्फ़ सुलेमान का नाम सामने आया है। पहलगाम में 26 लोगों की हत्या के पीछे मास्टरमाइंड के रूप में पाकिस्तान की सेना में था,लेकिन रिटायर होने के बाद वह आईएसआई के संपर्क में आया। इसके बाद उसने पाकिस्तान में उच्च कोटि का पैरा-कमांडो प्रशिक्षण हासिल किया था। हमले के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की ओर से जारी किये गए तीन स्केच में से एक मूसा का है।
सुरक्षा ग्रिड के सूत्रों के अनुसार मूसा ने कठुआ और सांबा सेक्टरों के माध्यम से भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की थी। घुसपैठ के बाद वह राजौरी-पुंछ के डेरा की गली क्षेत्र में सक्रिय हो गया, जहां उसके लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) मॉड्यूल पर पिछले साल सुरक्षा बलों पर कई हमलों की साजिश रचने का संदेह है। पाकिस्तानी पैरा-कमांडो विशेष रूप से विशेष सेवा समूह (एसएसजी) द्वारा प्रशिक्षित, अपरंपरागत युद्ध, उत्तरजीविता रणनीति और पर्वतीय युद्ध में अपनी विशेषज्ञता के लिए प्रसिद्ध हैं। उनके प्रशिक्षण में उच्च-धीरज संचालन, नजदीकी लड़ाई (सीक्यूबी), कठिन इलाकों में नेविगेशन और उन्नत बचाव तकनीकें शामिल हैं जो सभी मूसा के अभियानों में परिलक्षित होती हैं।
सुरक्षा ग्रिड के सूत्रों के अनुसार जमीन पर समूह का व्यवहार उच्च स्तर की युद्ध-क्षमता और प्रशिक्षण को दर्शाता है। आतंकवादियों ने पुलिस और सेना के गश्ती दल को सफलतापूर्वक चकमा दिया है, नागरिकों के संपर्क से बचते हुए लगातार ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी जंगलों से गुजरते रहे हैं। विशेष रूप से वे भोजन के लिए गांवों में जाने से बचते रहे हैं, क्योंकि इन्हें लम्बे समय तक भूखे रहने की ट्रेनिंग दी गई है।पहलगाम के आतंकी हमले के बाद दक्षिण कश्मीर के जंगलों में इनकी तलाश में लगातार अभियान चलाया जा रहा है।———————————-
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
