Haryana

हिसार : 16वें केंद्रीय वित्त आयोग ने किया एचएयू का दौरा, ली विश्वविद्यालय के बारे में जानकारियां

16वें केन्द्रीय वित्त आयोग की टीम एचएयू में डॉ. मंगल सेन कृषि विज्ञान संग्रहालय का जायजा लेते हुए।
16वें केन्द्रीय वित्त आयोग की टीम एचएयू में डॉ. मंगल सेन कृषि विज्ञान संग्रहालय का जायजा लेते हुए।

सेंटर फॉर माइक्रोप्रोपेगेशन एंड डबल हेपलोड प्रयोगशाला तथा डॉ मंगल सेन कृषि विज्ञान संग्रहालय का किया निरीक्षणहिसार, 29 अप्रैल (Udaipur Kiran) । यहां के हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में मंगलवार को 16वें केन्द्रीय वित्त आयोग की टीम पहुंची और सेंटर फॉर माइक्रोप्रोपेगेशन एंड डबल हेपलोड प्रयोगशाला तथा डॉ. मंगल सेन कृषि विज्ञान संग्रहालय का दौरा किया। केन्द्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढिय़ा एवं टीम के अन्य सदस्यों ने उपरोक्त स्थलों के निरीक्षण के दौरान विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा अनुसंधान, तकनीक, विस्तार सहित अन्य क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की। इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज, गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई, केन्द्रीय वित आयोग के सदस्य एनी जॉर्ज मैथ्यू, डॉ. मनोज पांडा, डॉ. सौम्य कांति घोष, सचिव ऋत्विक पांडे, सयुक्त सचिव केके मिश्रा, अध्यक्ष के निजी सचिव (संयुक्त निदेशक) कुमार विवेक, संयुक्त निदेशक दविंदर चोदहा, उप-निदेशक रोहित गुट्टे, ओएसडी अभिषेक नंदन, सहायक निदेशक भाबेश हजारिका व आरुषि गुप्ता, मंडल आयुक्त ए. श्रीनिवास, उपायुक्त अनीश यादव सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।कुलपति प्रोफेसर बीआर कम्बोज ने बताया कि 16वें वित्त आयोग की टीम ने विश्वविद्यालय में किए जा रहे अनुसंधान, पठन-पाठन, विस्तार सहित विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तार से चर्चा की। किसानों को उपलब्ध करवाए जा रहे क्वालिटी प्लाटिंग मटेरियल की भी टीम ने सरहाना की। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिकों द्वारा प्रदेश में खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने, किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर करने के उद्देश्य से उच्च गुणवत्ता वाली उन्नत किस्में विकसित की गई हैं जो प्रदेश ही नही बल्कि देश के किसानों में काफी लोकप्रिय हैं। विश्वविद्यालय द्वारा फसलों के उन्नत किस्मों का 20 हजार क्विंटल के बीज तैयार करके किसानों को उपलब्ध करवाया जा रहा है जिससे प्रदेश के खाद्यान्न उत्पादन में बढ़ोतरी होने के साथ-साथ किसानों की भी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने वित आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढिय़ा एवं टीम के सदस्यों को बताया कि सेंटर फॉर माइक्रोप्रोपेगेशन एंड डबल हेपलोड प्रयोगशाला से तैयार किए गए पौधे हरियाणा सहित उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों के किसानों को उपलब्ध करवाए जा सकेगें। इस प्रयोगशाला में टिश्यू कल्चर विधि से विभिन्न प्रजातियों के पौधे तैयार करने की विधियां विकसित की गई हैं। लैब में प्रति वर्ष लगभग 20 लाख उच्च गुणवत्ता, रोग रहित एवं आनुवांशिक रूप से एक जैसे पौधे तैयार किये जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि गन्ने की एक आंख से 40 हजार पौधे तैयार किये जा रहे हैं जिससे किसानों को लाभ होगा। उन्होने बताया कि यह प्रयोगशाला 2.5 एकड़ में फैली हुई है जिसे तीन भागों में विभाजित किया गया है। पहले भाग में प्रयोगशाला है जो की 6500 स्क्वेयर फीट में स्थापित की गई है। प्रो. कम्बोज ने बताया कि डॉ. मंगलसेन कृषि विज्ञान संग्रहालय में आगंतुकों को एक ही छत के नीचे विश्वविद्यालय की विशिष्ट उपलब्धियां, कृषि व कृषक हितैषी कार्यों के साथ-साथ हरियाणा की गौरवमयी संस्कृति एवं ऐतिहासिक धरोहरों की जानकारी मिल रही है। संग्रहालय के प्रारंभ में ही हरियाणा की गौरवपूर्ण विकास यात्रा के सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, जनसांख्यिकीय आंकड़े दर्शाए जाने के साथ आगंतुकों विशेष कर स्कूली बच्चों को कृषि के बारे में जागरूक करने के लिए कृषि विकास यात्रा को त्रि-आयामी भीती चित्रों द्वारा दर्शाया गया है।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

Most Popular

To Top