Jammu & Kashmir

भगवान श्री परशुराम वर्तमान समय में भी कहीं तपस्या में लीन हैं-श्री गंगाधर शास्त्री

Lord Shri Parashuram is engaged in meditation somewhere even at present - Shri Gangadhar Shastri

कठुआ 28 अप्रैल (Udaipur Kiran) । श्री ब्राह्मण सभा कठुआ में आयोजित भगवान श्री परशुराम जन्मोत्सव पर जारी श्रीमद् भागवत कथा के 6वें दिन शास्त्री गंगाधर जी महाराज द्वारा सत्संग और हरिकृतन का आयोजन किया गया।

सोमवार को कथावाचक श्री गंगाधर शास्त्री महाराज ने प्रवचन करते हुए कहा कि हिदू धर्म ग्रंथों में आठ महापुरुषों का वर्णन है जिन्हें आज भी अमर माना जाता है। इन्हें अष्टचिरंजीवी भी कहा जाता है। एक श्लोक के अनुसार अश्वथामा, राजा बलि, महर्षि वेदव्यास, हनुमान, विभिषण, कृपाचार्य, भगवान परशुराम व ऋषि मार्कण्डेय अमर हैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान परशुराम वर्तमान समय में भी कहीं तपस्या में लीन हैं। बाल्यावस्था में परशुराम के माता-पिता इन्हें राम कहकर पुकारते थे। जब राम कुछ बड़े हुए, तो उन्होंने पिता से वेदों का ज्ञान प्राप्त किया और धनुर्विद्या सीखने की इच्छा प्रकट की। महर्षि जमदग्रि ने उन्हें हिमालय पर जाकर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कहा। पिता की आज्ञा मानकर राम ने ऐसा ही किया। इस बीच, असुरों से त्रस्त देवता शिवजी के पास पहुंचे और असुरों से मुक्ति दिलाने का निवेदन किया। तब शिवजी ने तपस्या कर रहे राम को असुरों को नाश करने के लिए कहा। श्री राम ने बिना किसी अस्त्र की सहायता से असुरों का नाश कर दिया। इस पराक्रम को देखकर भगवान शिव ने उन्हें अनेक अस्त्र-शस्त्र प्रदान किए। इन्हीं में से एक परशु फरसा भी था। यह अस्त्र राम को बहुत प्रिय था। इसे प्राप्त करते ही राम का नाम परशुराम हो गया।

वहीं सभा के सदस्यों ने सभी से अनुरोध करते हुए कहा कि सप्ताह भर चलने वाली भागवत कथा के आखरी दिन मंगलवार को प्रख्यात कथा वाचक शास्त्री गंगाधर जी महाराज प्रवचन करेंगे, ज्यादा से ज्यादा लोग एकत्रित हों, ताकि पहलगाम त्रासदी में दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा जा सके। वहीं श्री ब्राह्मण सभा कठुआ परिसर में ही कथा वाचक शास्त्री गंगाधर जी महाराज के प्रवचनों के बाद भंडारे के साथ आज सात दिवसीय कार्यक्रम का समापन होगा

—————

(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया

Most Popular

To Top