
उज्जैन, 28 अप्रैल (Udaipur Kiran) । फिल्मों में जिस प्रकार से श्वान का मालिक के प्रति वफादार होना बताया जाता है, वह सोमवार को लोगों ने अपनी आंखों से जीवंत रूप में देखा। घटना शिप्रा नदी के नवाखेड़ा क्षेत्र की है। जिसने भी यह बात सुनी,एक बार श्वान को देखने नवाखेड़ा जरूर गया। गांव में भी श्वान की भुरी-भुरी प्रशंसा होती रही।
श्वान की वफादारी का पूरा घटनाक्रम इसप्रकार है-इंदौर मार्ग स्थित ग्राम नवाखेड़ा का एक हिस्सा शिप्रा नदी के किनारे है। गांव में रहनेवाला 28 वर्षीय विष्णु सोलंकी रोजाना की तरह रविवार को भैंस चराने के लिए नदी किनारे गया। रोजाना जब वह भैंस चराने जाता तो उसके एक हाथ में भैंस हांकने के लिए लाठी रहती वहीं दूसरे हाथ की ओर उसका वफादार श्वान उसके साथ जाता था।
रोजाना की तरह विष्णु रविवार को सुबह घर से निकले तो शाम तक घर नहीं लौटा। भैंसे घर आई, पर विष्णु घर नहीं आया और न ही रोजाना की तरह श्वान घर आया। चिंतित घरवालों ने चारों ओर इन्हे ढूंढा ओर रविवार रात नानाखेड़ा थाना पहुंचकर विष्णु की गुमशुदगी दर्ज करवाई। इधर अल सुबह ढूंडते-ढूंडते परिजन जब गांव के नदीवाले हिस्से पर पहुंचे तो नदी किनारे उन्हे श्वान बैठा दिखा। जब वे समीप पहुंचे तो श्वान ने उनकी ओर देखा ओर फिर नदी की ओर देखकर भौंकने लगा।
जहां श्वान बैठा था, उसके समीप विष्णु की रोजानवाली लाठी रखी थी। परिजनों ने मामला समझा और नदी में गोता लगाया। उन्हे विष्णु की लाश मिली। लाश को जब बाहर लाए तो श्वान जोर-जोर से भोंकने लगा और परिजनों तथा लाश के पिछे-पिछे चल दिया। परिजनों के अनुसार विष्णु नदी में भैंस निकालने गया होगा ओर वह डूब गया। चूंकि वह नदी से बाहर नहीं आया था,इसलिए श्वान भी उसके नदी से बाहर निकलने के इंतजार में शाम से अगली सुबह एक जगह बैठकर इंतजार करता रहा। इधर भैंसे रोजाना के क्रम में घर आ गई। नानाखेड़ा थाना पुलिस ने सोमवार को विष्णु के शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को शव सौपा और मर्ग कायम कर जांच में लिया है।
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(Udaipur Kiran) / ललित ज्वेल
