मंडी, 28 अप्रैल (Udaipur Kiran) । कई दशकों से उपेक्षा का शिकार कून का तर पैदल पुल एक बार फिर गुलजार होने जा रहा है। मंडी जिला के उपमंडल मुख्यालय कोटली को जोगिंदर नगर क्षेत्र से जोड़ने वाला मंडी के विक्टोरिया ब्रिज की तर्ज पर बनाया गया यह पैदल पुल किसी ऐतिहासिक धरोहर से कम नहीं है।
लोक निर्माण विभाग की ओर से इसकी मुरम्मत के लिए किए जा रहे प्रयासों से जहां एक ओर पिछले कई महीनो से ठप्प पड़ी लोगों की आवाजाही बहाल होगी। वहीं कई वर्षों से बेजान पड़ी इस ऐतिहासिक धरोहर को पुनर्जीवन प्राप्त होगा।
स्थानीय निवासी सेवानिवृत्त तहसीलदार गुलाब सिंह ठाकुर बताते हैं कि तुंगल क्षेत्र को जोगिंद्रनगर से जोड़ने वाला यह ऐतिहासिक पुल शायद अंग्रेजी हुकूमत ने राजाओं के जमाने में व्यापारिक दृष्टिकोण से आवाजाही को बढ़ाने के लिए व्यास नदी पार करने के लिए बनवाया था। सन 1945 में बनवाए गए इस पैदल पुल को मंडी के विक्टोरिया ब्रिज के मॉडल के अनुसार बनवाया गया था, लेकिन उचित रखरखाव के अभाव में धीरे-धीरे यह ध्वस्त होता चला गया। जिसके चलते इस पर लोगों की आवाजाही बंद हो गई। उन्होंने बताया कि बाद में इस पैदल पुल की समानांतर दूरी पर एक वाहन योग्य पुल बन जाने के बाद से तो कई दशकों तक लगातार यह उपेक्षा का दंश झेलने को मजबूर हो गया था।
व्यापार मंडल कोटली के प्रधान थलिया राम ने बताया कि वर्ष 2023 की बरसात में आई आई भयंकर बाढ़ में इसके समानांतर बना वाहन योग्य पुल बह जाने के बाद जब लोगों के लिए आर पार जाना असंभव हो गया था तो लगभग एक वर्ष तक तो लोग अपनी जान जोखिम में डालकर एक अस्थाई झूले का प्रयोग करते रहे लेकिन नए वाहन योग्य पुल के निर्माण के चलते वह भी वहां से हटा दिया गया।
उधर ,लोगों की आवाजाही पूरी तरह ठप्प हो जाने की स्थिति में मामले की नजाकत को समझते हुए लोक निर्माण विभाग ने राजाओं के जमाने से बने उसे पैदल पुल को मरम्मत करके आवाजाही बहाल करने की ठान ली। हालांकि व्यास नदी के तेज बहाव के ठीक ऊपर इस टूटे हुए पुल की मरम्मत करना किसी चुनौती से कम नहीं था लेकिन लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की प्रबल इच्छा शक्ति तथा युक्ति पूर्ण प्रयासों से इन दिनों इसकी मरम्मत का कार्य प्रगति पर है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की तकनीकी सूझबूझ के चलते केवल लेबर खर्च पर ही इस पुल का नवनिर्माण किया जा रहा है जिसके लिए अधिक से अधिक 10 लख रुपए का बजट तय किया गया है।
लोक निर्माण विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर डीके वर्मा ने बताया कि इस पुल की मुरम्मत के लिए इधर-उधर के कामों से वेस्ट लोहे का प्रयोग किया जा रहा है । उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग को केवल फेब्रिकेशन और लेबर पर ही बजट खर्च करना है। उन्होंने बताया कि अब तक मरम्मत का तकरीबन आधा काम मुकम्मल हो चुका है। उन्होंने भरोसा दिलाया की अधिक से अधिक दो हफ्तों के अंदर यह पुल लोगों की आवाजाही के लिए बहाल कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वाहन योग्य पुल का निर्माण कार्य भी आरंभ कर दिया गया है जिसे वाहनों की आवाजाही के लिए कुछ ही महीना में बहाल कर दिया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
