मंडी, 28 अप्रैल (Udaipur Kiran) । विद्या भारती से सम्बद्ध हिमाचल शिक्षा समिति द्वारा संचालित सरस्वती विद्या मंदिरों का प्रदेश स्तरीय प्रधानाचार्य व प्रबंधक सम्मेलन सरस्वती विद्या मंदिर हटगढ़ में प्रारंभ हुआ। इसका शुभारंभ हिमाचल शिक्षा समिति के प्रांत अध्यक्ष मोहन सिंह केस्टा द्वारा किया गया। प्रांत अध्यक्ष मोहन सिंह केस्टा ने कहा कि यह प्रधानाचार्य सम्मेलन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष होने की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है जिसमें संगठन के विस्तार एवं विकास के लिए प्रभावी योजनाओं का भी निर्माण किया जाना है।
उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्य प्रकाश पुंज हैं। नवीन सेवा भाव एवं आत्म संतोष के लिए सभी प्रधानाचार्य जुड़े हैं। अनुशासन सफलता की प्रथम सीढ़ी है। जीवन में सफलता, ईमानदारी,अनुशासन में रहकर ही हम सफल हो सकते हैं। मोहन सिंह केस्टा ने कहा की प्रधानाचार्य विद्यालय के प्रांगण में कैसा असर छोड़ता है वह महत्वपूर्ण होता है। प्रधानाचार्य बच्चों से] आचार्य से] अभिभावकों से एवं समाज से जुड़ा होता है। प्रशासनिक के साथ-साथ सभी कानून एवं कार्यों के प्रति सजग एवं सावधान होना चाहिए। प्रधानाचार्य को बेस्ट मैनेजर होना चाहिए। भाव एवं भावना से संस्था एवं संगठन ही नहीं समाज एवं देश को आगे बढ़ाने वाला होना चाहिए।
प्रदेश महामंत्री सुरेश कपिल ने कहा कि इस सम्मेलन में हुए चिन्तन मनन आधार पर विद्यालयों में वर्ष भर के लिए शैक्षणिक एवं सह शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन, बालकों के सर्वांगीण विकास जिस में शारीरिक, प्राणिक, मानसिक, बौद्धिक एवं आध्यात्मिक विकास की चर्चा होगी इसके साथ ही आचार्य विकास, अभिभावक विकास तथा समिति विकास पर भी चर्चा होगी।
उन्होंने कहा कि विद्या भारती विश्व में प्रथम स्थान रखने वाली शिक्षा संस्थान है। नवाचार को एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर लागू कर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम का शोध होते रहे हैं। विभाग एवं संकुल स्तर पर कार्यों का क्रियान्वयन करते हैं। वर्ष में कार्यों का सिंहावलोकन भी करते हैं। दो दिनों के मंथन के बाद जो अमृत निकलेगा उसे लेकर विद्यालय वापस जाएंगे। सम्मेलन के शुभारंभ से पूर्व पहलगाम आतंकी हमले के में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। सम्मेलन में लगभग 160 प्रतिभागी प्रधानाचार्य व प्रबंधक भाग ले रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
