
प्रयागराज, 28 अप्रैल (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अविवाहित कृषक बेटे की दुर्घटना में मौत पर सरकारी योजना के तहत पिता को मुआवजे के भुगतान पर सरकार को चार हफ्ते में निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अरिंदम सिन्हा तथा न्यायमूर्ति अविनाश सक्सेना की खंडपीठ ने चित्रकूट के किसान नर्वदा की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।
28 फरवरी 25 की रिपोर्ट में कहा गया कि मृतक का कोई वारिस नहीं है। इसलिए मुआवजा नहीं दिया जा सकता। इसे कोर्ट ने झूठा करार दिया। याची का कहना था कि बेटा खेती करता था, दुर्घटना में मौत हो गई, इसलिए सरकारी योजना के तहत परिवार को मुआवजा मिलना चाहिए। कोर्ट ने याची को विपक्षी को प्रत्यावेदन देने और उस पर चार हफ्ते में निर्णय लेने का विपक्षी को निर्देश दिया है।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
