
नैनीताल, 28 अप्रैल (Udaipur Kiran) । हिंदी और आदिवासी भाषा खड़िया की प्रमुख लेखिका, शिक्षाविद और विचारक डा. रोज केरकेट्टा के निधन पर कुमाऊँ विश्वविद्यालय की रामगढ़ स्थित महादेवी वर्मा सृजन पीठ में शोकसभा का आयोजन किया गया।
शोकसभा को संबोधित करते हुए महादेवी वर्मा सृजन पीठ के निदेशक प्रो. शिरीष कुमार मौर्य ने कहा कि डा. केरकेट्टा ने शिक्षा, सामाजिक विकास, मानवाधिकार और आदिवासी महिलाओं के समग्र उत्थान के लिए पचास वर्षों से अधिक समय तक निरंतर काम किया और हिंदी तथा खड़िया भाषा को समृद्ध किया। उन्होंने प्रेमचंद की कहानियों का खड़िया में अनुवाद कर दोनों भाषाओं के बीच एक पुल का काम किया।
पीठ समन्वयक मोहन सिंह रावत ने बताया कि डा. केरकेट्टा ने महिला अधिकारों के लिए संघर्ष किया और आदिवासी समाज के महत्वपूर्ण सवालों को उठाया। उनका संपूर्ण जीवन आदिवासी भाषा, साहित्य और संस्कृति के लिए समर्पित रहा। शोकसभा में साहित्यकार हिमांशु डालाकोटी, ‘रिव-टेरा’ संस्था के पृथ्वीराज सिंह, अतिथि व्याख्याता मेधा नैलवाल सहित कई अन्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी
