Uttar Pradesh

जिलाधिकारी ने रामनगर बंदरगाह का किया निरीक्षण

बन्दरगाह का निरीक्षण करते जिलाधिकारी

वाराणसी, 27 अप्रैल (Udaipur Kiran) । जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने रविवार को वरुणा नदी के चैनलाइजेशन एवं तटीय विकास परियोजना के अंतर्गत, दोनों किनारों पर गिरने वाले शहरी नालों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने घरेलू सीवर के पानी के उचित निस्तारण की व्यवस्था का भी जायजा लिया।

सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि एक नाले को छोड़कर शेष सभी नाले चोक्ड हैं। वर्षा ऋतु में जलभराव के कारण अत्यधिक मात्रा में सिल्ट/गाद तथा ठोस अपशिष्ट जमा हो जाता है, जिससे संरचनाओं की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। इसके अतिरिक्त, आईसी चैम्बर में लगी स्क्रीन की नियमित सफाई न होने के कारण सीवेज का ओवरफ्लो भी देखा गया। अधिकारियों ने यह भी बताया कि परियोजना के कार्यों का उचित अनुरक्षण न होने से कई संरचनाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं, क्योंकि नगर निगम द्वारा अब तक परियोजना का हैंडओवर नहीं लिया गया है।

जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग, नगर निगम, जल निगम तथा कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल को आईआईटी बीएचयू द्वारा तैयार डिजाइन/ड्राइंग का गहन अध्ययन कर आवश्यक सुधारात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही, अपर नगर आयुक्त को कॉरिडोर के आसपास व्यापक सफाई अभियान चलाने के भी निर्देश दिए।

इसके पश्चात जिलाधिकारी आदमपुर में प्रस्तावित यूनिटी मॉल के निर्माण स्थल का निरीक्षण करने पहुंचे। वहाँ उन्होंने जीएम-डीआईसी और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से निर्माण कार्यों की प्रगति संबंधी जानकारी ली। उन्होंने डंप गार्बेज हटाने, पेड़ों की कटाई, हाईमास्ट लाइट टावर, पानी की पाइपलाइन और विद्युत पोलों की शिफ्टिंग जैसे कार्यों के त्वरित भुगतान कराकर निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने अपर नगर आयुक्त को कैंपस स्थित पुरानी बिल्डिंग का मूल्यांकन कराकर, सक्षम अधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति गठित कर ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया सुनिश्चित करने के भी आदेश दिए। साथ ही जहाँ भी स्थान खाली है, वहां खुदाई का कार्य शीघ्र प्रारंभ कराने का निर्देश दिया।

अंत में जिलाधिकारी ने रामनगर स्थित बंदरगाह का निरीक्षण किया। इस दौरान भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि बरसात के मौसम में पास की कॉलोनियों और घरों का पानी प्राकृतिक नाले के माध्यम से बंदरगाह क्षेत्र में प्रवेश करता है। उन्होंने एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) तैयार कर पानी के निस्तारण व्यवस्था करने का अनुरोध किया।

जिलाधिकारी ने इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए सिंचाई विभाग, जल निगम, नमामि गंगे परियोजना और भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों की संयुक्त टीम गठित कर सर्वेक्षण कराने के निर्देश दिए।

(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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