


– मुख्यमंत्री ने इंदौर में 300 दिव्यांगजनों को बैटरीयुक्त ट्रायसिकल सहित अन्य सहायक उपकरणों का किया वितरण
इंदौर, 27 अप्रैल (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को इंदौर में दिव्यांगजनों के हित में आयोजित एक गरिमामय समारोह में 300 दिव्यांगजनों को कुल 749 बैटरीयुक्त ट्रायसिकल सहित अन्य तरह के सहायक उपकरणों का वितरण किया। जिला प्रशासन की पहल पर आईडीबीआई बैंक के सामाजिक दायित्व कार्यक्रम तथा भारतीय रेडक्रास सोसाइटी के वित्तीय सहयोग से यह कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण हेतु सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के कल्याण और आत्म सम्मान की रक्षा के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
इस अवसर पर नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक महेन्द्र हार्डिया, रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़ तथा मनोज पटेल, सुमित मिश्रा, सावन सोनकर, कलेक्टर आशीष सिंह विशेष रूप से मौजूद थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दिव्यांगजन समाज की अमूल्य धरोहर हैं। हमारी सरकार उनका आत्मसम्मान बढ़ाने, उन्हें स्वावलंबी बनाने और मुख्यधारा से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि बैटरीयुक्त ट्रायसिकल और सहायक उपकरणों से दिव्यांगजनों की गतिशीलता बढ़ेगी और वे अधिक स्वतंत्रता के साथ सुविधाजनक रूप से अपने कार्यों को सहजता से कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने निजी क्षेत्र से भी आह्वान किया कि वे दिव्यांगजनों को रोजगार में प्राथमिकता दें और समावेशी विकास का हिस्सा बनें। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों के जीवन को आसान और सम्मानजनक बनाने के लिए भविष्य में भी अनेक योजनाएँ लेकर आएगी।
दिव्यांगजनों को मिली यह सहायता
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने प्रतीक रूप से जिले के 105 से अधिक दिव्यांगजनों को बैटरीयुक्त ट्रायसाइकिलें निशुल्क प्रदान कीं। इसके साथ ही जिला प्रशासन, इंदौर द्वारा दिव्यांगजनों की निजी क्षेत्र में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए दिव्यांग रोजगार पोर्टल की शुरुआत की गई है, जिसके माध्यम से अब तक 500 से अधिक दिव्यांगजनों को निजी इकाइयों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए हैं। इसी क्रम में समारोह में प्रतीक स्वरूप चार दिव्यांगजनों को निजी क्षेत्र की प्रतिष्ठित इकाइयों में नियुक्ति पत्र भी प्रदान किए गए। जिले में 300 दिव्यांगजनों को 70 लाख 50 हजार रुपये से अधिक लागत के 105 मोट्रेड ट्रायसिकल,41 सामान्य ट्रायसिकल, 44 व्हील चेयर,154 डिजिटल हेयरिंग एड (कान की मशीन) तथा 405 दिव्यांगजनों को अन्य सहायक उपकरण वितरित किये गये।
मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजनों का पुष्पवर्षा कर किया अभिनंदन
समारोह का माहौल अत्यंत भावुक और उत्साहपूर्ण रहा। दिव्यांगजनों के चेहरों पर प्रसन्नता और आत्मविश्वास झलक रहा था। आयोजन स्थल को आकर्षक ढंग से सजाया गया था और विशेष सुविधाओं की भी समुचित व्यवस्था की गई थी। तेज गर्मी को देखते हुये दिव्यांगजनों के लिये वातानुकूलित व्यवस्था भी की गयी थी। मुख्यमंत्री डॉ.यादव द्वारा ट्रायसिकल वितरण के समय कई दिव्यांगजन भावुक हो उठे और पूरे वातावरण में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो गया। मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजनों का पुष्प वर्षा कर अभिनंदन किया। दिव्यांगजनों को जीवन सुरक्षा हेतु हेलमेट भी दिये गये।
लाभार्थियों का है यह कहनाकार्यक्रम में बैटरीयुक्त ट्रायसिकल प्राप्त करने वाले भागीरथपुरा के लक्ष्मण रावल ने कहा कि मैं एम.वाय.अस्पताल में सेवा भारती में कार्य करता हूं। मुझे अपने घर से कार्य स्थल तक पहुंचने में बहुत परेशानी थी। अब यह बैटरीयुक्त ट्रायसिकल मिल गयी है। इससे मुझे बेहद सुविधा होगी। आने-जाने में कोई परेशानी नहीं होगी। समय भी बचेगा। बिजलपुर निवासी सुरेश काशीमा ने कहा कि मैं फूलमाला बनाने का काम करता हूं। मुझे फूलमाला बेचने के लिये जगह-जगह जाना पड़ता था। हाथ से चलने वाली ट्रायसिकल थी। परेशानी होती थी, अब आसानी होगी और अपनी फूलमाला आसानी से दुकानों पर पहुँचा पाऊंगा। आमदानी बढ़ेगी । इसी तरह पंडिताई का काम करने वाले श्रीधर जोशी ने कहा कि पहले छोटी दूरी तय करने में भी कठिनाई होती थी, अब इस ट्रायसिकल से स्वतंत्रता का अहसास हो रहा है। मैं मुख्यमंत्री जी का दिल से धन्यवाद करता हूँ।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने चार युवाओं को निजी क्षेत्र की प्रतिष्ठित कम्पनी में नौकरी के लिये नियुक्ति-पत्र सौंपे। इनमें रविन्द्र खराड़ी, ज्योति कोहली, मीना बालोदिया और अंकित वर्मा शामिल हैं। इन्हें टायस एण्ड ट्रीट्स कम्पनी में नौकरी मिली है। रोजगार पत्र प्राप्त करने वाली मीना बालोदिया ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि पहली बार महसूस हो रहा है कि हमारी क्षमताओं को पहचाना गया है। अब मैं अपने सपनों को पूरा करने के और करीब आ गई हूँ।
(Udaipur Kiran) तोमर
