एसपी ने पीड़िता को मदद कर दिया आश्वासन, कहा निजी अस्पताल में कराएंगे इलाज
रामगढ़, 27 अप्रैल (Udaipur Kiran) । जिंदगी और मौत से लड़ रही 23 वर्षीय पायल सिंह का वीडियो बयान भी अब सामने आ गया है। उसने खुदकुशी करने की कोशिश की, लेकिन इसकी वजह अपने प्रेमी सुमित, उसके परिजन और महिला थाना प्रभारी श्वेता कुजूर को बताया है। यह सनसनीखेज खुलासा अस्पताल में बनाए गए वीडियो में खुद पायल ने किया है। उसने अपने बयान में कहा है कि उसका प्रेमी सुमित उसे घर छोड़ने के लिए रामगढ़ आया था। इसके बाद जब वह घर गया तो दोबारा बात नहीं हो पाई। 17 मार्च को वह रामगढ़ महिला थाना गई थी। उसके बाद लगातार पुलिस उसे टालती रही।
अपने बयान में पायल ने बताया कि 25 मार्च को सुमित थाना आया था। उसने झूठी शादी करने और शारीरिक संबंध बनाने की बात को स्वीकार भी किया था। लेकिन यह भी कहा था कि अब वह पायल को नहीं रखेगा। इस मामले में पायल ने एफआईआर करने की मांग पुलिस के समक्ष रखी। इसी में काफी लंबा समय बीत गया और महिला थाना प्रभारी श्वेता कुजूर ने उसकी कोई मदद नहीं की। इसकी वजह से ही वह डिप्रेशन में चली गई और खुदकुशी करने की कोशिश की। उसने यह भी कहा है कि अगर उसे कुछ हो जाता है तो उसके जिम्मेदार सुमित, उसके परिजन और महिला थाना प्रभारी श्वेता मैडम होंगी।
पायल की मां सुषमा सिंह ने भी महिला थाना प्रभारी श्वेता कुजूर पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उसने कहा है कि इस मामले को लेकर वह रामगढ़ एसपी से मिली थी। एसपी ने दोनों पक्षों के बीच पहले सुलह कराने और बात नहीं बनने पर कार्रवाई करने का आदेश दिया था। लेकिन महिला थाना प्रभारी श्वेता कुजूर ने सिर्फ सुमित के पिता को थाने पर बुलाया, जिनकी कोई खबर उन्हें नहीं दी गई। बाद में फोन कर बताया गया कि सुमित के परिजन चार दिनों का वक्त मांग रहे हैं। इस मुद्दे पर महिला थाना प्रभारी से उनकी काफी बहस भी हुई थी।
सुषमा सिंह ने यह भी कहा है कि 16 अप्रैल को जन शिकायत समाधान कार्यक्रम में भी उन्होंने आवेदन दिया। वहां भी अधिकारियों ने महिला थाना प्रभारी को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करने और सुमित के घर वालों को नोटिस करने की बात कही थी। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। 16 अप्रैल की ही शाम महिला थाना प्रभारी ने फोन कर पायल तथा उसकी मां को बुलाया और घाटो में सुमित के घर जाने की बात कही। लेकिन घाटो पहुंचते ही सुषमा और पायल को थाने में बिठा दिया गया। महिला थाना प्रभारी खुद ही सुमित के घर गई और वापस आकर सुमित के पिता के फरार होने की कहानी सुना दी।
रामगढ़ एसपी अजय कुमार ने इस पूरे मामले को काफी गंभीरता से लिया है। रविवार को उन्होंने बताया कि पूरा मामला उनके संज्ञान में है। जब पीड़िता उनके पास आई थी तो पहले प्राथमिकी दर्ज करने की बात नहीं की थी। लेकिन फिर भी पुलिस ने पहल की। वर्तमान स्थिति में पायल की जान बचाना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि रिम्स में उसका इलाज चल रहा है। लेकिन अगर पायल के परिजन उस इलाज से संतुष्ट नहीं है, तो रांची के निजी अस्पताल में भी उसका इलाज हो सकता है। उन्होंने पीड़िता के परिजनों ढांढस बनाए रखने को कहा है।
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(Udaipur Kiran) / अमितेश प्रकाश
