
नशा मुक्त भारत अभियान : मजदूरों को नशा के दुष्प्रभाव बारे किया गया जागरूक हिसार, 26 अप्रैल (Udaipur Kiran) । केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा संचालित नशा मुक्त भारत अभियान के तहत पड़ाव चौक स्थित लेबर शेड के पास विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान मेहनत-मजदूरी करने वाले लोगों को नशे के दुष्परिणामों बारे जागरूक किया गया। कार्यक्रम का संचालन नशा मुक्त भारत अभियान के मास्टर वॉलंटियर एवं सिविल अस्पताल में कार्यरत सुकून काउंसलर राहुल शर्मा ने किया। उन्होंने मजदूरों को संबोधित करते हुए कहा कि नशा एक मानसिक बीमारी है और इसका इलाज संभव है। जीवन अनमोल है, इसे नशे के जाल से बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है।राहुल शर्मा ने शनिवार को आयोजित इस कार्यक्रम में शराब, तंबाकू, गांजा, चरस, अफीम, नशे की गोलियां, इंजेक्शन और हुक्के के सेवन से होने वाले गंभीर शारीरिक और मानसिक दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नशे की लत से व्यक्ति गंभीर बीमारियों जैसे लिवर डैमेज, मानसिक असंतुलन, याददाश्त में कमी, यौन विकार और मृत्यु तक का शिकार हो सकता है।कार्यक्रम के दौरान मजदूरों को नशे के संकेतों की पहचान करना भी सिखाया गया। राहुल शर्मा ने बताया कि नशा करने वाले व्यक्ति में जुबान लड़खड़ाना, आंखों का लाल होना, निर्णय क्षमता में कमी, चिड़चिड़ापन और नींद न आना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। उन्होंने उपस्थित लोगों से अपील की कि यदि उनके आसपास कोई नशे की चपेट में हो, तो उसे तत्काल सिविल अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र या किसी मनोचिकित्सक से संपर्क करवाएं। कार्यक्रम के अंत में सभी मजदूरों ने नशे से दूर रहने और दूसरों को भी जागरूक करने की शपथ ली।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
