
जम्मू, 25 अप्रैल (Udaipur Kiran) । श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय (एसएमवीडीयू) ने – संकल्प से संसद: प्रस्तावना से संसद तक – शीर्षक से दो दिवसीय इंटरैक्टिव कार्यशाला का आयोजन किया जिसका उद्देश्य भारत के लोकतांत्रिक ताने-बाने के बारे में छात्रों की समझ को गहरा करना और सक्रिय नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना था। कार्यशाला की शुरुआत सामूहिक प्रस्तावना वाचन से हुई जिसमें संविधान में निहित मूल्यों का सम्मान किया गया और कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई। इसके बाद प्राचीन इतिहास प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता हुई जिसमें छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और भारत की समृद्ध ऐतिहासिक विरासत के बारे में उनके ज्ञान का परीक्षण किया।
दूसरे दिन युवा संसद का आयोजन किया गया जो कार्यशाला का मुख्य आकर्षण था जहां छात्रों ने एक नकली विधायी माहौल में सांसदों की भूमिका निभाई। सत्र की शुरुआत शपथ ग्रहण समारोह से हुई जिसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार बहस हुई। छात्रों ने दो महत्वपूर्ण मॉक बिलों – विधानसभाओं का परिसीमन और चुनाव अभियान व्यय की सीमा – पर विचार-विमर्श किया जिससे उन्हें आलोचनात्मक सोच, प्रेरक संचार और संसदीय प्रक्रिया का अभ्यास करने के लिए एक मंच मिला।
रिशव बाली ने अध्यक्ष के रूप में युवा संसद की अध्यक्षता की जबकि प्रोफेसर काकली मजूमदार और डॉ. अनुराग कुमार ने जूरी सदस्यों के रूप में काम किया जिन्होंने प्रतिभागियों के प्रदर्शन और शिष्टाचार का मूल्यांकन किया। कार्यशाला का समापन शानदार तरीके से हुआ, जिससे छात्र प्रेरित हुए और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के बारे में बेहतर जानकारी प्राप्त की। इसने न केवल नेतृत्व और वक्तृत्व कौशल को बढ़ावा दिया, बल्कि राष्ट्र के भविष्य को आकार देने में सहभागी शासन के महत्व को भी मजबूत किया।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
