
यूपीएससी में प्रयागराज की शक्ति दुबे ने टॉपर बनकर पेश की मिसाल
इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में महक जायसवाल ने भी नाम किया रोशन
प्रयागराज, 25 अप्रैल (Udaipur Kiran) । प्रयागराज अब सिर्फ कुम्भ, संगम या इलाहाबाद विश्वविद्यालय के नाम से नहीं जाना जा रहा, बल्कि ’माफिया मुक्त, शिक्षा युक्त’ नए मॉडल के रूप में उभर रहा है। यह बदलाव एक दिन में नहीं आया, बल्कि यह सशक्त राजनीतिक इच्छाशक्ति, प्रशासनिक पारदर्शिता और जन सहयोग का परिणाम है।
प्रयागराज, जो कभी देश के सर्वश्रेष्ठ शैक्षिक और सांस्कृतिक केंद्रों में शुमार होता था, बीते कुछ दशकों में अपराध, माफियागीरी और असुरक्षा की चपेट में आ गया था। शहर का वह गौरवशाली अतीत, जिसमें यहां से निकलने वाले छात्र यूपीएससी, पीसीएस, जेईई और नीट जैसे परीक्षाओं में टॉप करते थे, माफिया के बढ़ते दबदबे के चलते कहीं दब सा गया था। लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी हैं। माफिया के खिलाफ सीएम योगी के मार्गदर्शन में जो कदम उठाए गए उसके परिणाम आज सबके सामने हैं।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने यूपी और प्रयागराज को नई पहचान दी है। प्रयागराज जो कभी आईएएस की फैक्टरी कहा जाता था लेकिन कुछ दशकों में उसकी यह पहचान धूमिल हो चुकी थी। हाल ही में यूपीएससी में टॉपर बनीं शक्ति दुबे ने प्रयागराज की प्रतिभा को राष्ट्रीय मंच पर फिर से स्थापित किया। शक्ति दुबे कहती हैं कि शिक्षा के लिए वातावरण का भी योगदान रहता है। पहले भी सिविल सर्विसेज के लिए अभ्यर्थी तैयारी करते थे लेकिन इसके लिए उपयुक्त वातावरण की जरूरत थी। अच्छे वातावरण में प्रतिभाएं आगे आ रही हैं।
वहीं, इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में महक जायसवाल की सफलता ने यह सिद्ध किया कि सुरक्षित वातावरण में बेटियां भी सपने पूरे कर सकती हैं। प्रयागराज के बच्चा राम यादव इंटर कालेज की छात्रा महक जायसवाल ने 97.20 फीसदी अंक के साथ इंटर में पहला स्थान हासिल किया है। महक के पिता शिव प्रसाद जायसवाल कौशाम्बी में एक छोटी सी चाय की दुकान चलाते हैं। महक का कहना है कि पहले लड़कियों को अपने गांव से दूर पढ़ने जाने में डर लगता था। मां बाप भी तैयार नहीं होते थे लेकिन सुरक्षित वातावरण होने की वजह से मेरे माता पिता ने मुझे मेरे गांव कनैती से गांव से दूर मेरे विद्यालय भेजा। सुरक्षित माहौल में पढ़ाई की और अब कामयाब भी हो गए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रयागराज में माफिया राज पर करारी चोट की गई। कुख्यात माफिया की अवैध सम्पत्तियों पर बुलडोज़र चला, अपराधियों को जेल भेजा गया और जनता को यह भरोसा दिलाया गया कि अब कानून का राज चलेगा, किसी बाहुबली का नहीं। इस बदले माहौल ने प्रयागराज की शैक्षिक पहचान को फिर से जीवित कर दिया। शिक्षा के जानकार भी इस बात को स्वीकार करते हैं। यूपीएससी टॉपर शक्ति दुबे की 10वीं और 12वीं की पढ़ाई प्रयागराज के एसएमसी घूरपुर से हुई। शक्ति के कॉलेज के प्रिंसिपल आशीष रंजन कहते हैं, कामयाबी के लिए मानसिक तौर पर छात्राओं को तैयार करने के लिए उनके मन में बिना दबाव के निर्णय लेने की क्षमता भी जरूरी है। यह तभी आती है जब उन्हें और उनके परिजनों को सपने देखने में डर न लगे। बदले हालात ने सपने देखने की छूट दी है, कामयाबी आपके सामने है।
महक जायसवाल प्रयागराज के फूलपुर के भुलई का पूरा गांव के बच्चा राम यादव इंटर कॉलेज की छात्रा है। कॉलेज की प्रिंसिपल मनोरमा यादव कहती हैं कि कम से कम संसाधनों में अनुशासन और बच्चे भय मुक्त समाज में खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं तो उनकी प्रतिभा निखरकर सामने आती है। महक में कामयाबी की ललक थी। आर्थिक तंगी के बावजूद लगन और सुरक्षित वातावरण से उसने अपनी काबिलियत साबित कर दी।
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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र
