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जलवायु परिवर्तन बहुआयामी खतरे पैदा कर रहा है : प्रो. बंसल

ताइवान में कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रो. एसपी बंसल।

धर्मशाला, 25 अप्रैल (Udaipur Kiran) । संपोषणीयता आज एक विकल्प नहीं है, यह एक आवश्यकता है। चूंकि जलवायु परिवर्तन बहुआयामी खतरे पैदा कर रहा है इसलिए हमारी सबसे बड़ी ताकत ज्ञान, नवाचार और सहयोगात्मक कार्रवाई के माध्यम से समुदायों को सशक्त बनाने में निहित है। यह विचार केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.पी.बंसल ने नेशनल डोंग ह्वा यूनिवर्सिटी, ताइवान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन में बतौर मुख्य अतिथि रखे।

अपने व्यख्यान में प्रो. बंसल ने राष्ट्रीय विकास एजेंडा में अनुकूलन क्षमता और समुदाय-आधारित पुनर्स्थापन क्षमता को एकीकृत करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने परिवर्तन के उत्प्रेरक के रूप में शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका की ओर इशारा किया और कहा कि विश्वविद्यालयों को अनुसंधान और सामाजिक जिम्मेदारी दोनों के साथ आगे बढ़ने का समय आ गया है।

प्रोफेसर बंसल ने आगे बोलते हुए कहा कि बदलती दुनिया में पुनर्स्थापन क्षमता एक विलासिता नहीं बल्कि समय की मांग है। भारत के पास युवा और तकनीक-सक्षम आबादी होने के कारण जनसांख्यिकीय रूप से सशक्त होने का लाभ है। कार्यनीतिक स्वायत्तता में भारत आत्मनिर्भरता आंदोलनों के माध्यम से नेतृत्व कर रहा है।

इस सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन, आपदा पुनर्स्थापन और सतत विकास की चुनौतियों का समाधान करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं और विचारकों को एक मंच उपलब्ध कराते हुए गहनता से विचार विमर्श किया गया। सम्मेलन में प्रमुख शैक्षणिक हस्तियों के योगदान को भी सम्मानित किया गया, जिनमें नेशनल डोंग ह्वा यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष हुई-मी ह्सू, उपाध्यक्ष प्रोफेसर युंग कांग कुओ, एनडीएचयू में सतत विकास केंद्र के डीन प्रोफेसर चुन-हंग (जेब) ली, एस्टन यूनिवर्सिटी, यूके से डॉ.कोमल आर्यन और हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्याल में पृथ्वी और पर्यावरण विज्ञान स्कूल के अधिष्ठाता प्रो. दीपक पंत और कुलसचिव प्रोफेसर सुमन शर्मा भी उपस्थित रहे।

सीयू और डोंग ह्वा यूनिवर्सिटी ताईवान के बीच होगा समझौता ज्ञापन कुलपति प्रो. एसपी बंसल ने बताया कि नेशनल डोंग ह्वा यूनिवर्सिटी और हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय शिक्षा, अनुसंधान, संकाय/विद्यार्थियों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और आवश्यकता आधारित संयुक्त कार्यक्रम शुरू करने के लिए जल्द ही समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे।

(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया

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