Haryana

हिसार:जहां संतों का वास, वहां होता सकारात्मक ऊर्जा का संचार : नरसी राम बिश्नोई

जैन गुरु सुदर्शन साहित्य कॉर्नर का उद्घाटन करते हुए कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई को सम्मानित करते श्री श्वेतांबर स्थानकवासी जैन सभा, हिसार के सदस्यगण।

गुरु जम्भेश्वर जी महाराज धार्मिक अध्ययन संस्थान में जैन गुरु सुदर्शन साहित्य

कॉर्नर की स्थापना

हिसार, 25 अप्रैल (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय

के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि जहां संतों और महापुरूषों का वास होता

है, वहां हमेशा समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है। जैन गुरु श्री सुदर्शन

जी महाराज धर्म, त्याग, तपस्या व सत्य की प्रतिमूर्ति थे। उनका प्रेरणापूरक जीवन समाज

को सदियों तक राह दिखाता रहेगा।

प्रो. नरसी राम बिश्नोई शुक्रवार को विश्वविद्यालय के गुरु जम्भेश्वर जी महाराज

धार्मिक अध्ययन संस्थान में जैन गुरु श्री सुदर्शन जी महाराज की पुण्य स्मृति दिवस

के उपलक्ष्य पर आयोजित एक धर्म चर्चा कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर गुरु

जम्भेश्वर जी महाराज धार्मिक अध्ययन संस्थान में जैन गुरु सुदर्शन साहित्य कॉर्नर की

स्थापना भी की गई। विश्वविद्यालय की प्रथम महिला डा. वंदना बिश्नोई, कुलसचिव डा. विजय

कुमार व उनकी धर्मपत्नी श्रीमती रजनी शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित रही। कार्यक्रम की

अध्यक्षता विभागाध्यक्ष प्रो. किशना राम बिश्नोई ने की।

कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि इस साहित्य कॉर्नर में उपलब्ध साहित्य

से विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को जैन धर्म तथा उसकी शिक्षाओं के साथ-साथ मानवीय

मूल्यों को आत्मसात करने का मौका भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि गुरु जम्भेश्वर जी महाराज

के 29 सिद्धांत भी जैन समाज के सिद्धांतों के अनुरूप मानवता, प्रकृति संरक्षण व आध्यात्म

का संदेश देते हैं। गुजविप्रौवि गुरु जम्भेश्वर

जी महाराज के सिद्धांतों पर चलते हुए राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान

को और मजबूत कर रहा है।

श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा हिसार के सौजन्य से हुए इस आयोजन में जैन

साध्वी श्री सुचारु जी महाराज, श्री सुनीति जी महाराज व सुवृति जी महाराज ने इस अवसर

पर प्रवचन भी दिए। जैन साध्वी सुनीति जी महाराज ने जैन गुरु सुदर्शन लाल जी महाराज

के जीवन के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि जैन गुरु श्री सुदर्शन जी

महाराज का जीवन एक महायोगी जीवन था। उन्हें वर्तमान की घटनाओं के साथ-साथ भविष्य की

घटनाओं का भी ज्ञान हो जाता था। गुजविप्रौवि में उनके साहित्य कॉर्नर से ज्ञान का प्रकाश

फैलेगा।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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