Madhya Pradesh

बाबा साहब के सामाजिक समरसता के विचार को आगे बढ़ाना हर भाजपा कार्यकर्ता का कर्तव्यः केंद्रीय मंत्री रक्षा खडसे

भाजपा ग्रामीण: जिला स्तरीय संगोष्ठी में विचार रखे  केंद्रीय मंत्री रक्षा खडसे ने

उज्जैन, 24 अप्रैल (Udaipur Kiran) । केंद्रीय राज्यमंत्री रक्षा खडसे ने गुरुवार को भाजपा जिला ग्रामीण द्वारा लोकशक्ति पर आयोजित जिला स्तरीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर सामाजिक समरसता के पर्याय थे। बाबा साहब ने जीवनभर सामाजिक समरसता के लिए काम किया। बाबा साहब के सामाजिक समरसता के विचारों को आगे बढ़ाकर आम जनता तक पहुंचाना भाजपा कार्यकर्ता का पहला कर्तव्य है।

भाजपा जिला ग्रामीण अध्यक्ष राजेश धाकड़ ने बताया कि पार्टी द्वारा बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के सम्मान अभियान अंतर्गत आयोजित जिलास्तरीय संगोष्ठी में केन्द्रीय मंत्री रक्षा खडसे ने कहा कि हम देश के संविधान को भारत की आत्मा मानते हैं। जबकि कांग्रेस संविधान को मात्र एक किताब मानती है। संविधान का कांग्रेस ने अनेकों बार दुरुपयोग कर देश को अस्थिर करने का कुत्सित प्रयास किया है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण 25 जून,1975 को देश में आपातकाल लगाने का है।

संगोष्ठी के पहले सत्र को संबोधित करते हुए जिले के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर एक महान विचारक और विद्वान व्यक्ति थे। कांग्रेस बाबा साहब की विद्वत्ता को कभी स्वीकार नहीं कर पाई। संविधान निर्माता बाबा साहब को राजनीति में आगे बढऩे से रोकने के लिए कांग्रेस एवं नेहरू ने अनेकों कुप्रयास किये। पं. नेहरू ने बाबा साहब को चुनाव हराने के लिए कई हथकंडे अपनाए और लोकसभा चुनाव में पराजित करवा दिया। यहां तक की मरणोपरांत बाबा साहब की अंत्येष्टि के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार और पं. नेहरू ने दिल्ली में उन्हें दो गज जमीन भी नहीं दी। मजबूरन बाबा साहब के परिजनों को उनका पार्थिव शरीर लेकर मुंबई जाना पड़ा। बाबा साहब के पार्थिव शरीर को ले जाने वाले विमान का किराया भी उनके परिजनों से वसूल किया गया।

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और उज्जैन संभाग प्रभारी जीतू जिराती ने कहाकि कांग्रेस ने हमेशा बाबा साहब के विचारों को दबाने का प्रयास ही किया। पं. नेहरू यह जानते थे कि डॉ अंबेडकर जैसे विद्वान व्यक्ति के रहते उनका प्रधानमंत्री पद कभी भी खतरे में आ सकता है,इसीलिए कांग्रेस और पं. नेहरू ने अपनी ही पार्टी के उम्मीदवार बाबा साहब को लोकसभा चुनाव में हरवा दिया।

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(Udaipur Kiran) / ललित ज्‍वेल

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