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जल जीवन मिशन घोटाला मामला: पूर्व मंत्री महेश जोशी को ईडी ने किया गिरफ्तार

जल जीवन मिशन घोटाला मामला: पूर्व मंत्री महेश जोशी को ईडी ने किया गिरफ्तार

जयपुर, 24 अप्रैल (Udaipur Kiran) । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जल जीवन मिशन (जेजेएम) घोटाले में दिनभर की पूछताछ के बाद कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री महेश जोशी को गिरफ्तार किया है। जानकारी के अनुसार कई नोटिस देने के बाद गुरुवार की सुबह महेश जोशी अपने एक निजी सहायक के साथ ईडी मुख्यालय गए थे। जहां ईडी के अधिकारी उनसे जल जीवन मिशन योजनाओं में वित्तीय अनियमिताओं से जुड़े मामले में पूछताछ के बाद देर शाम को गिरफ्तार किया है।

ईडी के अनुसार एजेंसी महेश जोशी को पिछले कई समय से पूछताछ के लिए बुला रही थी, लेकिन महेश जोशी व्यक्तिगत कारणों की वजह से नहीं जा रहे थे। जानकारी के अनुसार जोशी को कुछ दस्तावेज दिखाए गए हैं, उन दस्तावेजों को लेकर उनसे जवाब मांगा था।

गौरतलब है कि जेजेएम घोटाला केंद्र सरकार की हर घर नल पहुंचाने वाली जल जीवन मिशन योजना से जुड़ा है। साल 2021 में श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी और मैसर्स श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के ठेकेदार पदमचंद जैन और महेश मित्तल ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र दिखाकर जलदाय विभाग से करोड़ों रुपये के 4 टेंडर हासिल किए थे। जहां श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी ने फर्जी कार्य प्रमाण पत्रों से पीएचईडी की 68 निविदाओं में भाग लिया था। उनमें से 31 टेंडर में एल-1 के रूप में 859.2 करोड़ के टेंडर हासिल किए थे तो वहीं श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी ने 169 निविदाओं में भाग लिया और 73 निविदाओं में एल -1 के रूप में भाग लेकर 120.25 करोड़ के टेंडर हासिल किए थे। घोटाले का खुलासा होने पर एसीबी ने जांच शुरू की। कई भ्रष्ट अधिकारियों को दबोचा। फिर ईडी ने मामला दर्ज कर महेश जोशी और उनके सहयोगी संजय बड़ाया सहित अन्य के ठिकानों पर दबिश दी। इसके बाद सीबीआई ने 3 मई 2024 को केस दर्ज किया। ईडी ने अपनी जांच पूरी कर 4 मई को सबूत और दस्तावेज एसीबी को सौंप दिए थे।

पूर्व मुख्यमंत्री अशाेक गहलाेत ने पूर्व मंत्री महेश जोशी की गिरफ्तारी की निंदा की है। उन्हाेंने साेशल मीडिया पर पाेस्ट किया कि भाजपा का एक्सटॉर्शडिपार्टमेंट बन चुके ईडी द्वारा पूर्व मंत्री महेश जोशी की गिरफ्तारी राजनीतिक प्रतिशोध का उदाहरण है। यह गिरफ्तारी ऐसे समय पर की गई है जब उनकी पत्नी करीब 15 दिन से जयपुर के एक अस्पताल में बेहोशी की हालत में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही हैं। उनकी इच्छा थी कि इस मुश्किल परिस्थिति से निकलने के बाद ईडी को बयान दें। यह उन्हें भावनात्मक रूप से तोड़ने का प्रयास है जिससे उनसे मनमुताबिक बयान लिए जा सकें।

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(Udaipur Kiran)

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